सभी एंबुलेंसों को अलर्ट मोड पर रखें
जापानी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए किये जाने वाले आवश्यक निरोधात्मक उपाय के क्रियान्वयन को लेकर मंगलवार को राज्य स्तरीय वीसी के माध्यम से अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य ने निर्देश दिया.
जापानी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए सीएस ने चिकित्सा पदाधिकारियों व कर्मियों को दिया निर्देश सहरसा. जापानी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए किये जाने वाले आवश्यक निरोधात्मक उपाय के क्रियान्वयन को लेकर मंगलवार को राज्य स्तरीय वीसी के माध्यम से अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य ने निर्देश दिया. इसे लेकर सीएस डॉ कत्यायनी मिश्रा ने प्रभारी अधीक्षक सदर अस्पताल सहित सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मियों को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जिले के सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक एक कंट्रोल रूम की स्थापना करते इसका संचालन किया जाना है. साथ ही कंट्रोल रूम में अवस्थित दूरभाष संख्या को अपने-अपने प्रखंडों में प्रदर्शित भी किया जाना अनिवार्य है. जिससे आकस्मिकता की स्थिति में आमजन इस नंबर पर संपर्क कर स्वास्थ्य सेवा से लाभान्वित हो सके. राज्य स्तरीय 104 आकस्मिक दूरभाष का प्रदर्शन, निशुल्क एंबुलेंस सेवा लेने के लिए 102 नंबर का प्रदर्शन सभी स्वास्थ्य संस्थानों में दीवार लेखन, बैनर पर प्रदर्शित करवाना सुनिश्चित करें. साथ ही सभी एंबुलेंसों को अलर्ट मोड पर रखें. जिससे किसी भी आकस्मिकता की स्थिति से ससमय निबटा जा सके. सरकारी एंबुलेंस के अनुपलब्धता की स्थिति में आकस्मिक स्थिति उत्पन्न होने पर एईएस, जेई के मरीजों के लिए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत संचालित एंबुलेंस का उपयोग रेफरल के लिए किया जा सकता है. सरकारी एंबुलेंस में पदस्थापित सभी ईएमटी व चालक का इस बीमारी की रोकथाम के लिए मरीजों को ससमय एंबुलेंस उपलब्ध कराने व एंबुलेंस में मरीजों का चिकित्सकीय परामर्श संबंधी उपचार का प्रशिक्षण जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर अविलंब संपन्न करायें. राज्य स्तर से जापानी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए तैयार एसओपी जिले को राज्य स्तर से प्राप्त होने के बाद इसे सभी स्वास्थ्य संस्थानों को उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि आशा व आशा फैसिलिटेटर के माध्यम से जनमानस में जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण के प्रचार-प्रसार व निरोधात्मक उपाय के लिए आशा व आशा फैसिलिटेटर को प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षित करें. सदर अस्पताल में अधिष्ठापित पीकू वार्ड को क्रियाशील व चिकित्सकों व पारामेडिकल कर्मियों का कर्तव्य तालिका निर्धारित रखें. जिससे किसी भी प्रकार के आकस्मिकता से ससमय निबटा जा सके. अनुमंडलीय अस्पताल से लेकर सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इंसेफेलाइटिस वार्ड के लिए बेड चिह्नित कर रखें. प्रखंड स्तर पर पंचायती राज विभाग से समन्वय स्थापित कर प्रखंड स्तर पर बैठक का आयोजन करें. जिला के नौ माह से दो वर्ष के आयुवर्ग के सभी बच्चों को जेई का दो टीका नियत अंतराल पर दें. जेई टीकाकरण के दोनों डोजों के शत प्रतिशत आच्छादन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपने-अपने प्रखंडों में जेई टीका से वंचित, छूटे हुए सभी लाभार्थियों को चिह्नित कर 30 अप्रैल तक शत प्रतिशत आच्छादित करना सुनिश्चित करें. फोटो – सहरसा 16 – बैठक में भाग लेते डीएम, सीएस व अन्य.
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