सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर किसानों का धान नहीं खरीद रहे हैं पैक्स
सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर किसानों का धान नहीं खरीद रहे हैं पैक्स
कार्यालय, मिल के खर्च का हवाला देकर कम दी जाती है राशि सौरबाजार . किसानों के धान को पैक्स के माध्यम सरकारी दर पर खरीदने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गयी है. लेकिन पैक्स किसानों के धान खरीदने में लंबी और जटिल प्रक्रिया बताते हुए आनाकानी करते हैं. कुछ किसानों का धान खरीद भी की जाती है तो उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. पैक्स द्वारा किसानों को राइस मिल और ऑफिस खर्चा का हवाला देकर कम राशि दी जाती है. ऐसे में सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य किसानों को नहीं मिल पाती है और पैक्स की लंबी और जटिल प्रक्रिया के कारण अधिकांश किसान बाजार के व्यापारियों के हाथ ओने-पौने दामों में धान बेचने को मजबूर हो जाते हैं. किसानों को पैक्स अध्यक्ष या उनके प्रबंधन समिति द्वारा ऑनलाइन करने या अन्य किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल पाती है. पैक्स में यदि कुछ किसान धान देते भी हैं तो उन्हें पैक्स गोदाम के बदले संबंधित राइस मिल पर पहुंचाने के लिए कहा जाता है. जहां किसानों को अधिक भाड़ा देना पड़ता है. पैक्स में उपलब्ध ट्रैक्टर समेत अन्य कृषि यंत्र का लाभ भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है. पैक्स के कृषि यंत्र को पैक्स अध्यक्ष निजी तौर पर उपयोग कर किसानों से सामान्य भाड़ा वसूलते है. किसानों के दरवाजे से गोदाम तक धान पहुंचाने के लिए भी पैक्स के ट्रैक्टर का लाभ नहीं मिल पा रहा है. किसानों ने पैक्स की लंबी प्रक्रिया को जटिल करने की मांग विभाग से करते हुए कहा है कि जो पैक्स सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर धान नहीं खरीद रहे हैं, उन्हें चिह्नित कर उनपर कार्रवाई होनी चाहिए. कई पैक्स ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि विभाग द्वारा मात्र 40 प्रतिशत सीसी किया गया था. जिस राशि से किसानों को पेमेंट कर दिया गया है, अभी भी बहुत सारे किसानों का धान बचा हुआ है. जिसके लिए सीसी बढ़ाने की आवश्यकता है. मामले में सौरबाजार के बीसीओ अरूण कुमार और किशोर कुमार कौशल ने बताया कि पैक्स और व्यापार मंडल का लक्ष्य कम हो जाने के कारण कुछ किसानों का धान बचा हुआ है. जिसके लिए सीसी बढ़ाने की मांग विभाग से की गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
