शीतलहर की चपेट में डूबा कोसी, अब तो हवा भी लगने लगी है बर्फीली

शीतलहर की चपेट में डूबा कोसी, अब तो हवा भी लगने लगी है बर्फीली

By Dipankar Shriwastaw | December 27, 2025 6:02 PM

ठंड से अस्त व्यस्त हो रहा आम लोगों का जन जीवन, अलाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं, गरीब बेहाल स्कूल बंद होने से बच्चों को मिली राहत सहरसा . ठंड अपने शबाब पर पहुंच रही है तो आम लोग इससे हलकान होने लगे हैं. सभी अनुमानों को ध्वस्त करते ठंड जिस कदर रोज बढ़ती जा रही है, इससे आम लोगों का जन-जीवन अब अस्त-व्यस्त हो गया है. पिछले दस दिनों से लगातार जारी कड़ाके की ठंड थमने का नाम नहीं ले रही है. पिछले गुरुवार को कुछ घंटों के लिए सूर्यदेव के दर्शन जरूर हुए. लेकिन फिर से ठंड ने अपना कहर जारी रखा है. सूर्यदेव जहां दर्शन नहीं दे रहे हैं. वहीं दिन भर कुहासे एवं शीत लहर का प्रकोप जारी है. लोग घरों में कैद होने को विवश हैं. सूरज की नाराजगी को झेल रहे लोगों को हवाएं अब बर्फीली लगने लगी है तो बाइक सवारों को चलते समय हर वक्त पानी की फुहार का अहसास होता है. जिससे सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम सी गयी है. वहीं मजदूरों को काम नहीं मिलने से उनके चूल्हे पर भी असर पड़ने लगा है. वहीं इस कड़ाके की ठंड में भी जिला प्रशासन व नगर निगम द्वारा अलाव की व्यवस्था नहीं करने से खासकर स्टेशन व बस स्टैंड जैसी जगह पर लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. शनिवार को भी तापमान में बड़ी गिरावट व घना कोहरा छाया रहा. हवा के चलने से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. सुबह से ही कोहरे के छाये रहने से सड़कों पर आवाजाही भी काफी कम रही. वाहन लाइट जलाकर सड़कों पर दिन भर रेंगते रहे. सड़क पर बाइक एवं बड़े वाहन की रफ्तार कम हो गयी. मौसम विभाग ने जताया ठंड बढने की आसार अगवानपुर कृषि महाविद्यालय के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने जानकारी देते कहा कि वर्तमान में न्यूनतम तापक्रम 12 डिग्री सेल्सियस है. जबकि अधिकतम तापमान 18 डिग्री रहा. आने वाले अगले चार दिनों में न्यूनतम तापमान गिरने की प्रबल संभावना है. तापमान गिरने से कुहासे की स्थिति काफी विकट होगी. लोग वाहनों को धीरे व सुरक्षित चलायें. मौसम पुर्वानुमान के अनुसार अगले चार दिन सुबह में घना कुहासा के साथ ठंड बढने की संभावना है. फसलों में पानी डालें किसान मौसम के बदलते मिजाज से कृषकों को नुकसान ना उठाना पड़े, इसके लिए किसानों को अपनी फसल में पानी डालने की सलाह दी है. जानकारी देते अगवानपुर कृषि महाविद्यालय मौसम विभाग के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि 31 दिसंबर तक घना कुहासा छाया रहेगा व तापमान में गिरावट की संभावना है. इस मौसम से गेहूं की फसल को लाभ होगा. लेकिन आलू, राजमा एवं सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि आलू एवं राजमा को झुलसा रोग से बचाने के लिए दो लीटर पानी में मेनकोजेब दो ग्राम की मात्रा मिलाकर छिडकाव करने से लाभ मिलेगा. वहीं सरसों के लाही लगने से बचाने के लिए इमीडायक्लोपीन एक एमएल तीन लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करने से फसल का बचाव होगा. वहीं मसूर, गेहूं, मक्के एवं सब्जियों की फसल में हल्की सिंचाई करें. अलाव की व्यवस्था नाकाफी नगर निगम द्वारा विभिन्न जगहों पर अलाव की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है. जिन जगहों पर अलाव जलाया भी जाता है, वहां कम लकड़ी के अभाव में पर्याप्त लोगों को इससे फायदा नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय लोगों द्वारा शहर के सभी चौक चौराहों पर पर्याप्त मात्रा में अलाव की व्यवस्था करने की मांग की जा रही है. जबकि शहर की सड़कों पर चहल पहल सात बजते-बजते खत्म हो जा रही है तो सुबह भी अब काफी देर से हो रही है. कभी देर तक धुंध छाये रहने तो कभी हवा के कारण लोगों का बिस्तर से बाहर निकलना भी काफी कष्टकारी हो गया है. अभिभावकों द्वारा बच्चों को घर में रहने की विशेष हिदायत देने के साथ उसकी निगरानी की जा रही है तो रसोई में काम करने वाली गृहणियों को चूल्हे की गर्मी भी सामान्य नहीं कर पा रही. बुजुर्ग की हालत सबसे ज्यादा खराब है. बाजार में भी सबसे ज्यादा भीड़ चाय, अंडे व गर्म कपड़े व खाद्य पदार्थ की दुकान पर ही लोग नजर आ रहे हैं. स्कूली बच्चों को मिली राहत जिला सहित पूरे उतर भारत में बढते शीतलहर की वजह से जिला प्रशासन द्वारा आदेश निर्गत कर सरकारी व निजी स्कूलों में कक्षा लगने पर रोक लगा दी गयी है. जिला प्रशासन द्वरीर बताया कि बढ़ते ठंड की वजह से 26 दिसंबर से 30 दिसंबर तक जिले के सभी सरकारी प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालय सहित निजी स्कूल के एक से दस वर्ग तक के बच्चों को छुट्टी दे दी गयी है. इन जगहों पर जलायें अलाव शहर के चौक-चौराहों पर नगर निगम द्वारा कुछ जगहों पर अलाव की व्यवस्था की गयी है. इन अलाव की तरह ही जिले भर में दर्जनों ऐसी जगह है जहां अलाव जलाने की आवश्यकता है. जिसमें मत्स्यगंधा, मसोमात पोखर, सदर अस्पताल, पीडब्लयूडी कार्यालय रोड, नरियार रोड, कहरा ब्लाक रोड, शर्मा चौक, कहरा कुटी, रहुआमणी यात्री शेड, नवोदय विद्यालय के समीप, बरियाही गैस एजेंसी, बनगांव क्लब चौक, बाबाजी कुटी, गोरहो घाट, उग्रतारा स्थान, राजनपुर चौक, बलुआहा चौक एनएच 107 डॉली फ्यूल के समीप, सुलिंदाबाद धर्म काटा के समीप अलाव की व्यवस्था होनी चाहिए. मालूम हो कि इन रास्तों से रोजाना हजारों की तादाद में गुजरने वाले पैदल व साइकिल सवार लोगों को सुबह शाम जलने वाले अलाव से काफी राहत मिलती. इनर वियर की बढी डिमांड सर्दी की शीतलहर से भले ही आप त्रस्त हो गये हों लेकिन गर्म कपड़ों का बाजार और भी गर्म हो गया है. आमतौर पर ठंड के महीने में स्वेटर, मफलर, कोर्ट व ब्लेजर की होने वाली बिक्री से ही सर्दी का कारोबार पता चलता था. लेकिन इन दिनों इनर वियर की बढती सेल ने बाजार के विशेषज्ञों को चौंका दिया है. अभी तक स्थानीय बाजार में 5 करोड़ से अधिक का इनर वियर बिक चुका है. ग्राहकों द्वारा पसंदीदा कलर में इनर की मांग करने पर दुकानदारों द्वारा हाथ खड़े कर दिये जाते है. …………………………………………………………………………………… बढ़ती ठंड से पशुओं में बढ़ रही मुंहपका व खुरपका की बीमारी सहरसा .लगातार बढ रहे ठंड से जहां एक ओर आमलोगों सहित खास का भी जन जीवन अस्त -व्यस्त हो गया है. वहीं दूसरी ओर ठंड के प्रकोप से पशु भी नहीं बचे पाये हैं. ठंढ के कारण पशुओं में कई तरह की बीमारियां फैल रही है, जिसके कारण पशुधन को शारीरिक कष्ट भी हो रहा है, तो पशुपालकों को आर्थिक क्षति हो रही है. ठंड के कारण मुंहपका, खुरपका, जिगनाला, बुखार व लंगड़ाने की बीमारी का प्रकोप पशुओं में बढ़ रहा है. इन बीमारी के कारण दुधारू पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है, जबकि कई पशु दम भी तोड़ चुके हैं. पशु चिकित्सक बी के प्रधान कहते हैं कि पशुओं को ठंड में ज्यादातर खुरपका व मुंहपका बीमारी होने की संभावना होती है. बीमारी से बचाव के लिए पहले तो नियमित रुप से टीकाकरण कराना चाहिए. पशुओं के खानपान पर विशेष चौकसी रखने की जरूरत है. चारा के रुप में खल्ली के साथ हल्का गुनगुना पानी व दाना का प्रयोग करना चाहिए. पशु को जहां रखा जा रहा है, वह जगह गर्म रहे अथवा उस स्थान पर आग या अलाव की समुचित व्यवस्था हो. खुद के साथ पशुओं को भी लगी ठंड की मार झेल रहे पशुपालक मनोज यादव कहते हैं कि जो गाय एक महीने पहले बारह किलो दूध देती थी, वो अभी सात किलो से अधिक दूध नहीं देती.

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