पारिवारिक परिस्थिति व कार्यालय का बढ़ता प्रेशर बना आत्महत्या की वजह
सोमवार की देर रात आईडीबीआई बैंक के मैनेजर राकेश रोशन द्वारा की गयी आत्महत्या मामले में पुलिस ने मृतक का सुसाइड नोट बरामद किया है.
तीन पन्नों का मिला सुसाइड नोट
सहरसा. सदर थाना क्षेत्र के न्यू कॉलोनी स्थित किराये के एक मकान में सोमवार की देर रात आईडीबीआई बैंक के मैनेजर राकेश रोशन द्वारा की गयी आत्महत्या मामले में पुलिस ने मृतक का सुसाइड नोट बरामद किया है. मंगलवार को सदर थाना पुलिस व एफएसएल टीम ने घटना स्थल की बारीकी से जब जांच की तो कमरे से मृतक का सुसाइड नोट बरामद किया. सुसाइड नोट में मृतक ने अपनी पारिवारिक परिस्थितियों एवं कार्यालय के बढ़ते प्रेशर को आत्महत्या का मुख्य कारण बताया. वहीं पुलिस सुसाइड नोट की बारिकी से जांच कर रही है.मालूम हो कि 32 वर्षीय राकेश रोशन न्यू कॉलोनी में किराये के मकान में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे. घटना के समय उनकी पत्नी पूजा और बच्चे शादी समारोह में शामिल होने के लिए झारखंड स्थित गोड्डा गई हुई थी. वहीं मंगलवार को पत्नी द्वारा लगातार पति को फोन करने पर कोई जवाब नहीं मिला तो पत्नी ने दूसरे किरायेदार को फोन कर देखने के लिए कहा. किरायेदार ने जब खिड़की से झांककर देखा तो देखा कि राकेश रोशन फंदे से झूल रहा था. वहीं कमरे के अंदर से कोई गतिविधि नहीं होता देख मकान मालिक ने इसकी सूचना पुलिस को दी. उसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची. जहां मृतक के परिजन के आने के बाद उसके समक्ष पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया. जहां राकेश का शव फंदे से लटका हुआ था.
सुसाइड नोट में परिवार और नौकरी के दबाव का किया जिक्र
बरामद सुसाइड नोट में राकेश ने लिखा है कि वह पिछले कुछ महीनों से मानसिक तनाव में थे. पारिवारिक परिस्थितियों और ऑफिस का बढ़ता दबाव वह संभाल नहीं पा रहा थे. उन्होंने इसमें स्पष्ट किया है कि उनकी मौत के लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है और जो कदम वे उठा रहे हैं वह उनकी मजबूरी का नतीजा है. पुलिस इस सुसाइड नोट की भाषा, लिखावट और मानसिक दशा से जुड़े सभी पहलुओं की बारिकी से जांच कर रही है.
फर्द बयान में पत्नी ने कहा- बैंक के काम से थे तनावग्रस्त
घटना के बाद गोड्डा से सहरसा पहुंची पत्नी पूजा ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि राकेश काफी समय से काम के बोझ से परेशान चल रहा था. बैंक में लगातार बढ़ रहे टारगेट और दबाव के कारण वे मानसिक रूप से टूट गया था.
परिवार में पहले भी थीं त्रासदी की घटनाएं
परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि राकेश की मां का देहांत बचपन में ही हो गया था. पिता की मृत्यु कोरोना काल में हुई और वह परिवार में अकेला बेटा था. पिता के गुजरने के बाद वह अपने परिवार की जिम्मेदारियों को लेकर पहले से ही दबाव में रहता था. शादी के बाद कुछ समय तक सब ठीक रहा, लेकिन कुछ वर्षों में परिवार और कार्यस्थल का दबाव अचानक से बढ़ गया.
पुलिस ने कराया पोस्टमार्टम, रिपोर्ट का इंतजार
सदर थाना अध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आत्महत्या के कारणों पर और स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी. फिलहाल पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मानकर जांच आगे बढ़ा रही है. आसपास के लोगों, सहकर्मियों और परिवार के सदस्यों का बयान दर्ज किया गया है. डिजिटल साक्ष्यों की भी जांच की जा रही है.
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