बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर निकाला आक्रोश मार्च

बीते दिनों बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा दीपू चंद्र दास की निर्मम हत्या कर दी गयी.

By Dipankar Shriwastaw | December 24, 2025 7:04 PM

सहरसा. बीते दिनों बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा दीपू चंद्र दास की निर्मम हत्या कर दी गयी. जिससे पूरे भारत सहित विश्व के सभी देशों में रह रहे हिंदुओं में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है. जिसको लेकर विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल देश भर में आक्रोश मार्च निकलकर लगातार आंदोलन कर रहा है. जिसके तहत बुधवार को जिला के मुख्यालय के थाना शंकर चौक से वीर कुंवर सिंह चौक तक विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आक्रोश मार्च निकालकर बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार एवं इस्लामिक कट्टरपंथियों का पुरजोर विरोध किया. साथ ही भारत सरकार से निवेदन किया कि वो बांग्लादेश उच्चायुक्त एवं संयुक्त राष्ट्र संघ में इस मुद्दे को उठाकर बांग्लादेश सरकार को कड़ी चेतावनी दे. वहां हिंसा नहीं रोकी गयी तो हिंदू समाज उग्र रूप धारण कर विश्वव्यापी आंदोलन करेगा.

जिलाध्यक्ष पंपल सिंह ने कहा कि बांग्लादेश सरकार जिस प्रकार इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रही है वह कहीं से भी बर्दाश्त योग्य नहीं है. जिला मंत्री प्रणव मिश्रा ने कहा कि आज पूरा विश्व इस्लामिक कट्टरपंथ से त्रस्त है. मोनू सिंह ने भारत में रह रहे रोहिंग्या बांग्लादेशियों को देश छोड़ने की चेतावनी देते कहा कि आज ये लोग हमारे देश के संसाधनों को इस्तेमाल कर देश विरोधी काम करते रहते हैं. आक्रोश मार्च में अभिषेक सिंह, मानस मिश्रा, एसके नायक, पुनीत आनंद, सन्नी चौधरी, पिंटू शर्मा, सौरव भगत, छोटू प्रजापति, शाश्वत कुमार, आशीष गुप्ता, राहुल कुमार, श्याम कुमार, दीपो दास, सहित जिले के अन्य कार्यकर्ता शामिल थे.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला निंदनीय : संतोष गुप्ता

सहरसा. भाजपा के सह कोषाध्यक्ष संतोष गुप्ता ने बांग्लादेश में हिंदुओं समुदाय के लोगों पर किए जा रहे हमले को कायराना हरकत बताया है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार वहां के हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है. संतोष गुप्ता ने बांग्लादेश के हालिया घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पिछले 24 घंटे में बांग्लादेश के कई शहरों से जो तस्वीरें और खबरें आ रही है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करती है. ऐसी घटनाओं ने मानवता, कानून व्यवस्था एवं बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

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