आंगनबाड़ी सेविकाओं को अब तक नहीं दी गयी मोबाइल, ऑनलाइन कार्यों में हो रही परेशानी
आंगनबाड़ी सेविकाओं को अब तक नहीं दी गयी मोबाइल,
पतरघट . आइसीडीएस विभाग द्वारा क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के सेविकाओं से विभागीय दिशा निर्देश के आलोक में विभिन्न तरहों का काम तो लिया जा रहा है. लेकिन उन्हें जो भी विभागीय सुविधा मिलनी चाहिए उन सुविधाओं से विभाग द्वारा वंचित कर दिया जा रहा है. जिसके कारण इन दिनों आंगनबाड़ी सेविकाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्राप्त जानकारी अनुसार सरकार द्वारा सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को विभागीय कामों को सुलभ बनाने व ऑनलाइन कामों के निष्पादन के लिए मोबाइल खरीद के लिए प्रति सेंटर दस हजार रुपया देने की विधिवत घोषणा की गयी. लेकिन अब तक तकनीकी गड़बड़ी व विभागीय अधिकारियों के सुस्ती की वजह से ना तो किसी भी सेविका को विभागीय स्तर से रुपया ही उपलब्ध कराया गया है और ना ही मोबाइल खरीद कर दिया गया है. जिसके कारण सभी सेविकाओं को टीएचआर वितरण एवं पोषण ट्रैकर पर काम करने में काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. विभागीय कामों को संपादित किये जाने में हो रही परेशानी को लेकर सेविकाओं को विभागीय अधिकारियों द्वारा काफी फटकार भी सुनना पड़ता है. दायित्वों के निर्वहन के लिए सेविकाओं द्वारा या तो अपने पति या पुत्र के मोबाइल का सहारा लेकर इन दिनों विभागीय दायित्वों का निर्वहन करना पड़ रहा है. नाम नहीं छापने की शर्त पर क्षेत्र के दर्जनों सेविकाओं ने बताया कि अब सभी विभागीय दायित्वों का निर्वहन ऑनलाइन के माध्यम से किया जाता है. ऑफलाइन कोई भी काम नहीं किया जाता है. विभाग द्वारा अब तक ना ही मोबाइल खरीद के लिए रुपया ही दिया जा रहा है और ना ही मोबाइल खरीद कर दिया जा रहा है. जिसके कारण हम लोगों को विभागीय दायित्वों के निर्वहन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सेविकाओं ने विभागीय अधिकारियों से अच्छे क्वालिटी का मोबाइल सभी सेविकाओं को उपलब्ध कराए जाने की मांग की है. जिससे विभागीय कामों को ससमय संपादित किये जाने में असुविधा का सामना नहीं करना पड़े.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
