नहीं मिला एंबुलेंस, ई-रिक्शा से ले गये मरीज
नहीं मिला एंबुलेंस, ई-रिक्शा से ले गये मरीज
हाल कोसी का पीएमसीएच कहा जाने वाला मॉडल सदर अस्पताल का सड़क दुघर्टना में घायल युवक को किया गया था रेफर सहरसा. कोसी का पीएमसीएच कहा जाने वाला मॉडल सदर अस्पताल अपने स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को लेकर एक बार फिर से चर्चा में है. सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के बलवाहाट थाना अंतर्गत दर्शनीय चौक चकमका गाछी के समीप एनएच 107 पर शुक्रवार की शाम हुई सड़क दुर्घटना में बाइक सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे. जिनमें एक की हालत नाजुक बनी हुई थी. जिसे डॉक्टर ने तत्काल बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया. लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल उस समय खुल गयी, जब गंभीर रूप से घायल मरीज को हायर सेंटर ले जाने के लिए समय पर एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी. अस्पताल परिसर में एंबुलेंस के अभाव में मरीज जिंदगी और मौत से जूझता रहा. परिजन और स्थानीय लोग अस्पताल प्रशासन से बार-बार गुहार लगाते रहे. लेकिन काफी देर तक कोई समाधान नहीं निकल पाया. आखिरकार मजबूरी में गंभीर रूप से घायल मरीज को ई-रिक्शा पर बैठाकर दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा. लोगों का कहना था कि जिस राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं वहां एक गंभीर मरीज को एंबुलेंस न मिलना बेहद शर्मनाक है. कई लोगों ने इसे सिस्टम की असंवेदनशीलता बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी. स्थानीय लोगों का कहना है कि सदर अस्पताल जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. जहां रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. बावजूद इसके हायर सेंटर रेफर होने के बाद भी मरीजों को समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होना गंभीर सवाल खड़े करता है. अगर समय रहते मरीज को एंबुलेंस से बेहतर सुविधा मिल जाती तो उसकी जान को कम खतरा होता. वहीं इस घटना के बाद लोगों ने एनएच 107 पर तेज रफ्तार वाहनों और यातायात सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी नाराजगी जतायी. मरीज के साथ पहुंचे लोगों का कहना है कि दर्शनीय चौक और आसपास के इलाकों में अक्सर तेज गति से वाहन चलते हैं. जिससे आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है. बावजूद इसके न तो स्पीड कंट्रोल के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं और न ही ट्रैफिक पुलिस की नियमित निगरानी. फिलहाल पुलिस अज्ञात वाहन की तलाश में जुटी हुई है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. वहीं इस हादसे ने एक बार फिर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था, एंबुलेंस सेवा और सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. आम लोगों का कहना है कि अगर समय रहते इन समस्याओं पर ठोस कदम नहीं उठाया गया तो ऐसे दर्दनाक दृश्य बार-बार देखने को मिलते रहेंगे. यह था मामला मिली जानकारी के अनुसार यह दुर्घटना शुक्रवार शाम करीब छह बजे हुई. जब एक अज्ञात तेज रफ्तार वाहन ने बाइक सवार दो लोगों को जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों सड़क पर दूर जा गिरे और मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गये. आसपास मौजूद लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी और घायलों को बचाने के लिए तत्काल मदद की. घायलों की पहचान मोहनिया वार्ड संख्या 3 सरोजा पंचायत निवासी 45 वर्षीय रविंद्र शर्मा और उनके 28 वर्षीय दामाद सुभाष शर्मा के रूप में हुई है. दोनों मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. परिजनों ने बताया कि दोनों शुक्रवार की शाम करीब तीन बजे मोहनिया से बलवाहाट बाजार सब्जी खरीदने गये थे. बाजार से लौटने के दौरान दर्शनीय चौक के पास एनएच 107 पर अज्ञात वाहन ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी और चालक वाहन लेकर फरार हो गया. घटना की सूचना मिलते ही बलवाहाट थाना पुलिस मौके पर पहुंची. जहां पुलिस की मदद से दोनों घायलों को तत्काल सदर अस्पताल लाया गया. अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने रविंद्र शर्मा की हालत गंभीर बताते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया. जबकि सुभाष शर्मा का इलाज सदर अस्पताल में जारी रहा. मामले को लेकर पूछे जाने पर सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ एसएस मेहता ने बताया कि एंबुलेंस उस समय उपलब्ध नहीं होगा. सभी एंबुलेंस ऑन कॉल पर होगा और अन्य किसी रेफर मरीज को लेकर गया होगा. वहीं जब पूछा गया कि इमरजेंसी मरीज के लिए किसी नजदीक के किसी पीएचसी से भी खड़े एंबुलेंस को मंगाया जा सकता था तो उन्होंने कहा कि यह अधिकार सिविल सर्जन लेबल का है. वहीं सिविल सर्जन से जब बात करने की कोशिश की गयी तो कई बार फोन करने के बाद भी उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया.
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