नगर निगम क्षेत्र में 67 छठ घाट हैं चिह्नित, किसी में नहीं हुआ सफाई कार्य शुरू
नगर निगम क्षेत्र में 67 छठ घाट हैं चिह्नित
मत्स्यगंधा छठ घाट पर है गंदगी का साम्राज्य, लोगों में फैल रहा असंतोष सहरसा . दूर्गा पूजा के समाप्त होते ही लोग दीपावली एवं आस्था का महापर्व छठ की तैयारी में जुट जाते हैं. छठ महापर्व श्रद्वालु अपने घरों के नगर कट बने तालाब, पोखर, झील एवं नदियों के किनारे संपन्न करते हैं. जहां स्वच्छता का सबसे बडा महत्व होता है. इसके लिए दूर्गा पूजा संपन्न होते ही छठ घाटों की सफाई शुरू हो जाती है. लेकिन नगर निगम क्षेत्र में अब तक छठ घाटों की सफाई नहीं होने से लोग परेशान हो रहे हैं. जबकि इस वर्ष नगर निगम क्षेत्र में नये पांच पंचायतों को जोड़ा गया है. जिससे पोखर, तालाबों की संख्या में भी बढोतरी हुई है. ऐसे में नगर निगम को छठ घाटों पर सफाई अभियान सहित सुरक्षा के तहत कार्य करने की जरूरत है. जिससे श्रद्धालु छठ पूजा सौहार्दपूर्ण वातावरण में मना सके. पूर्व में नगर परिषद क्षेत्र में मात्र 40 छठ घाट पर नगर परिषद सफाई अभियान सहित सुरक्षा व्यवस्था का कार्य करती थी. लेकिन अब नये नगर निगम में छठ घाटों की संख्या बढकर 67 हो गयी है. जहां सफाई के साथ सुरक्षा के इंतजाम की आवश्यकता है. लेकिन इन छठ घाटों पर अब तक किसी तरह के सफाई अभियान शुरू नहीं होने से लोग संशय किया स्थिति में हैं. नगर निगम क्षेत्र में नये जुटे नंदलाली व सुखासन में लगभग दस से अधिक पोखर हैं. जहां सफाई सहित सुरक्षा के इंतजाम की जरूरत है. इन पोखरों में गंदगी का अंबार लगा है. जलकुंभी व कचडे चारो ओर फैले हैं. जहां सफाई अभियान चलाने की जरूरत है. स्थानीय लोग नगर निगम की ओर टकटकी लगाये हैं कि कब इस पोखर की सफाई नगर निगम करेगा. जिससे लोग स्वच्छ वातावरण में महापर्व संपन्न कर सकेंगे. पूर्व में ग्रामीण क्षेत्र रहने का कारण पोखर की स्थिति भी ठीक नहीं है. यहां घाट तक बनाने की जरूरत पड़ेगी. महापर्व निकट आता जा रहा है. पोखर व तालाबों में गंदगी के साथ मूर्ति विसर्जन के कारण अवशेष पडे हैं. अभी से ही छठ पर्व कैसे होगा को लेकर लोगों में संशय है. यह आस्था का महापर्व नदी, पोखरों में ही मनाया जाता है. जहां सभी इकट्ठा हो डूबते एवं उगते सूरज को अर्घ्य देकर अपने परिवार के सलामती की प्रार्थना भगवान भास्कर से ब्रतियों द्वारा किया जाता है. खासकर यह आस्था का महापर्व राज्य के लोगों के लिए अन्य सभी पर्वों से सदियों से अति महत्वपूर्ण रहा है. राज्य से बाहर कमाने खाने वाले भी इस अवसर पर अपने घर अवश्य पहुंचते हैं एवं सपरिवार पर्व में शामिल होते हैं. एसे में पर्व कैसे मनाया जायेगा चिंता का विषय बना हुआ है. यह हालात पूरे जिले के सभी जगहों पर बनी हुई है. जबकि अधिकांश पोखर आज भी बदहाल हैं. जहां सफाई की सख्त जरूरत है. जबकि यह सफाई कार्य नगर निगम के लिए चुनौती से कम नहीं है. पूर्व में में दुर्गा पूजा संपन्न होते ही नगर निगम कर्मियों द्वारा छठ घाटों की सफाई के लिए अभियान शुरू कर दिया जाता था. अधिकारियों द्वारा घाटों का जायजा लेने का कार्य प्रारंभ होने से समय पर छठ घाट तैयार हो जाते थे. लेकिन इस वर्ष विधानसभा चुनाव की तैयारी चलने से इस कार्य के प्रति सुस्ती दिख रही है. इससे लोगों में परेशानी झलक रही है. यह हाल नगर निगम क्षेत्र में नये शामिल हुए सभी पोखरों में देखा जा रहा है. जहां गंदगी का अंबार लगा है. .
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