सहरसा : आज कोसी बंद, आक्रोशितों ने निकाला मार्च
एनच 106 व 107 जर्जर, सहरसा, सुपौल व मधेपुरा में नाराजगी सब ने कहा, विकास को गति देने के लिए अच्छी सड़क चाहिए सहरसा : पिछले चार साल से सहरसा, मधेपुरा व सुपौल से गुजरनेवाले नेशनल हाइवे 106 व 107 जर्जर हाल से सहरसा, मधेपुरा व सुपौल के लोगों में काफी नाराजगी है़ इससे नाराज […]
एनच 106 व 107 जर्जर, सहरसा, सुपौल व मधेपुरा में नाराजगी
सब ने कहा, विकास को गति देने के लिए अच्छी सड़क चाहिए
सहरसा : पिछले चार साल से सहरसा, मधेपुरा व सुपौल से गुजरनेवाले नेशनल हाइवे 106 व 107 जर्जर हाल से सहरसा, मधेपुरा व सुपौल के लोगों में काफी नाराजगी है़ इससे नाराज लोगों ने मंगलवार को कोसी बंद का आह्वान किया है़ यह आंदोलन गैर राजनीतिक संगठनों की ओर से किया जा रहा है़
सोमवार की शाम लोगों ने आक्रोश मार्च निकाला़ मार्च में शामिल युवाओं ने कहा कि दर्जनों दुर्घटना होने के बाद भी शासन-प्रशासन की नींद नहीं टूटी है़ इस आंदोनल का जिला व्यापार संघ, इ-रिक्शा संघ, ऑटो रिक्शा संघ, बस एसोसिएशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आदि ने समर्थन किया है़ इससे पूर्व युवाओं ने शहर के दुकानों में चौक-चौराहों पर ‘हमें सुरक्षित सड़क चाहिए’ लिखे बैनर टांगे. स्टिकर चिपकाये.
18 वर्षों से सिंगल और जर्जर हैं दोनों एनएच
साल 2001 में केंद्र सरकार के तत्कालीन केंद्रीय पथ परिवहन व राजमार्ग मंत्री बीसी खंडूरी ने मधेपुरा के तत्कालीन सांसद सह केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री शरद यादव एवं सहरसा के सांसद दिनेश चंद्र यादव के समक्ष वीरपुर से विहपुर तक नेशनल हाइवे 106 व महेशखूंट से पूर्णिया तक नेशनल हाइवे 107 का उद्घाटन किया था. दोनों सिंगल सड़कें उद्घाटन के 18 वर्षों के बाद भी डबल नहीं हो सकी. दोनों ही नेशनल हाइवे का कभी मेंटेनेंस नहीं किया गया. इधर बीते चार वर्षों से इन दोनों सड़कों में गड्ढे ही गढ्ढे हो गये हैं.
