पलायन का दर्द : 18 ट्रेनें खुलीं, फिर भी स्टेशन पर पड़े हैं हजारों मजदूर

सहरसा : पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत देश के अन्य प्रदेशों में धान की रोपनी के लिए कोसी के इलाके से मजदूरों का पलायन जारी है. पिछले तीन जून से मजदूरों के जाने का सिलसिला चल रहा है. पिछले 11 दिनों में 11 जनसेवा एक्सप्रेस, चार जनसाधारण एक्सप्रेस और तीन सहरसा-अंबाला एक्सप्रेस खुल चुकी हैं. इन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 15, 2019 5:56 AM

सहरसा : पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत देश के अन्य प्रदेशों में धान की रोपनी के लिए कोसी के इलाके से मजदूरों का पलायन जारी है. पिछले तीन जून से मजदूरों के जाने का सिलसिला चल रहा है. पिछले 11 दिनों में 11 जनसेवा एक्सप्रेस, चार जनसाधारण एक्सप्रेस और तीन सहरसा-अंबाला एक्सप्रेस खुल चुकी हैं.

इन ट्रेनों से औसतन 60 से 70 हजार मजदूर पंजाब की ओर जा चुके हैं. फिर भी सहरसा स्टेशन पर हजारों मजदूर अगले दिन ट्रेन पकड़ने की आस में पड़े हैं. स्टेशन परिसर के भीतर प्लेटफॉर्म, वेटिंग हॉल, टिकट घर, फुट ओवरब्रिज व बाहरी परिसर में पैर रखने की जगह नहीं है.

सीट 72, पर जा रहे हैं 250 यात्री
मजदूरों की संख्या के आगे रोज 18 से 20 बोगियों की खुलनेवाली ट्रेन नाकाफी साबित हो रही है. 72 सीटों की क्षमतावाली बोगी में 250 से लोग भेड़-बकरियों की तरह सफर कर रहे हैं. हजारों मजदूरों के जाने के बाद भी उतने स्टेशन पर इंतजार में पड़े रहते हैं. टिकट कटाते हैं और जगह नहीं मिल पाने पर उसे वापस करते हैं. उसमें भी पैसा कट जाता है. तीन घंटे के अंदर वापस कराने के लिए इन्हें फिर से कतार में लगना होता है.

Next Article

Exit mobile version