सहरसा-मानसी रेलखंड पर आज से दौड़ने लगी इलेक्ट्रिक इंजन, मधेपुरा कारखाने में तैयार 12000 हॉर्स पावर का इंजन अब आ सकेगा बाहर

सहरसा : सहरसा-मानसी रेलखंड पर बुधवार की सुबह पहली बार जनसेवा एक्सप्रेस ट्रेन इलेक्ट्रिक इंजन लेकर सहरसा जंक्शन से रवाना हुई. आज बुधवार से सहरसा से तीनों प्रमुख ट्रेनों का इलेक्ट्रिक इंजन के साथ परिचालन शुरू हो जायेगा. सहरसा-मानसी रेलखंड पर लंबी दूरी की तीन महत्वपूर्ण ट्रेनों पुरबिया एक्सप्रेस, गरीब रथ और जनसेवा एक्सप्रेस में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 30, 2018 11:18 AM

सहरसा : सहरसा-मानसी रेलखंड पर बुधवार की सुबह पहली बार जनसेवा एक्सप्रेस ट्रेन इलेक्ट्रिक इंजन लेकर सहरसा जंक्शन से रवाना हुई. आज बुधवार से सहरसा से तीनों प्रमुख ट्रेनों का इलेक्ट्रिक इंजन के साथ परिचालन शुरू हो जायेगा. सहरसा-मानसी रेलखंड पर लंबी दूरी की तीन महत्वपूर्ण ट्रेनों पुरबिया एक्सप्रेस, गरीब रथ और जनसेवा एक्सप्रेस में इलेक्ट्रिक इंजन लगा कर परिचालन किया जायेगा. मालूम हो कि इसी माह 24 तारीख को ही इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन में लगाने की तैयारी थी. आदर्श नगर दिल्ली से सहरसा आनेवाली पुरबिया एक्सप्रेस इलेक्ट्रिक इंजन के साथ सहरसा आ पहुंची. लेकिन, सहरसा-मानसी रेलखंड पर विद्युत सप्लाई नहीं किये जाने और कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण इलेक्ट्रिक इंजन के आगे ट्रेन में डीजल इंजन लगा कर रवाना किया गया था.

इसी रेलखंड से निकाला जायेगा मधेपुरा विद्युत रेलइंजन कारखाने में तैयार 12000 हॉर्स पावर का इंजन

मधेपुरा रेल इंजन कारखाने में बन रहे 12000 हॉर्स पावर के इंजन को विभिन्न रेलखंडों पर भेजने के लिए मधेपुरा-मानसी रेलखंड का ही उपयोग किया जायेगा. इसी इंजन को बाहर रेल पटरी पर लाने के लिए ही मानसी-मधेपुरा के बीच विद्युतीकरण का कार्य किया गया है. 12000 हॉर्स पावर के इंजन को ट्रेनों में जोड़ कर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और समय बचाने के लिए रेलवे तैयारी कर रही है. जानकारी के अनुसार, इसी साल मधेपुरा में निर्मित इंजन को ट्रेनों के साथ जोड़ने की तैयारी है.इस कारण ही सहरसा-मानसी-मधेपुरा रेलखंड पर पिछले सात-आठ माह से दिन-रात रेल विद्युतीकरण का कार्य युद्धस्तर पर जारी है.

वर्ष 2005 में बनी थी बड़ी लाइन

वर्ष 2005 में मानसी-सहरसा के बीच बड़ी लाइन बिछायी गयी थी. उसी समय देश की पहली गरीब रथ ट्रेन को तत्कालीन रेल मंत्री ने हरी झंडी दिखा कर सहरसा से विदा किया था. इसके बाद इस रेलखंड पर विभाग की नजर नही पड़ी. मधेपुरा में इंजन फैक्टरी की घोषणा और 12000 हॉर्स पावर का इंजन बनने के बाद आनन-फानन में रेलखंड का विद्युतीकरण का कार्य किया गया.

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