बालू से फसलों को बचाने के लिए किसान सड़क पर

अकोढ़ीगोला : दरिहट के किसान बालू से फसलों को बचाने के लिए सड़क पर उतर गये हैं. किसान डेहरी-नासरीगंज सड़क को जाम कर धरने पर बैठ गये. किसान बालू घाट बंद करो व पुलिस प्रशासन हाय हाय के नारे लगाते रहे. किसानों का कहना था कि पुलिस व प्रशासन को धरने के संबंधित पहले ही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 29, 2017 7:39 AM
अकोढ़ीगोला : दरिहट के किसान बालू से फसलों को बचाने के लिए सड़क पर उतर गये हैं. किसान डेहरी-नासरीगंज सड़क को जाम कर धरने पर बैठ गये. किसान बालू घाट बंद करो व पुलिस प्रशासन हाय हाय के नारे लगाते रहे. किसानों का कहना था कि पुलिस व प्रशासन को धरने के संबंधित पहले ही सूचना दे दी गयी थी. इसके बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची.
किसानों ने बताया कि बालू घाट के लोग धरनार्थियों के साथ मारपीट करते रहे, लेकिन पुलिस थाने में डिप्टी बजाती रही. धरने के ढाई घंटे बाद सीओ सह मजिस्ट्रेट सीमा रानी व दरिहट थाना प्रभारी गजेंद्र पासवान दल-बल के साथ पहुंचे. सीओ ने बालू घाट का निरीक्षण कर धरनार्थियों के बातचीत की. काफी देर तक बातचीत हुई. उसके धरनार्थियों को एक सप्ताह में बालू घाट को हटवाने के आश्वासन के बाद ग्रामीण सड़क से हटे. करीब तीन घंटे के बाद सड़क पर आवागमन शुरू हुआ. धरनार्थियों का कहना था कि दरिहट स्थित बालू घाट से किसानों को काफी क्षति हो रही है. घाट के प्रदूषण से खेत में बालू की मोटी परत जम रही है.
खेतों के बंजर होने की संभावना है. किसानो की नकदी फसल सब्जी व तरबूज प्रदूषण से बरबाद हो रहे है. सोन नद में मशीन से गहराई तक बालू खुदाई से गांव का जलस्तर गिर रहा है. चापाकल व नलकूप प्रभावित हो रहे है. गरमी में पेय जल की समस्या उत्पन्न ही जाती है. समय रहते इस पर रोक नहीं लगायी तो लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ेगा, सघन आबादी में बालू घाट होने के कारण लोग प्रदूषण से परेशान है.
आदी मांगों को लेकर प्रशासन से कई बार गुहार लगायी गयी, लेकिन इसकी जांच तक नहीं की गयी. अनिल कुमार सिंह व पपू सिंह ने बताया कि बालू घाट से हो रही किसानों की नुकसान के बारे में लिखित आवेदन एसडीएम, सहायक खनन पदाधिकारी से लेकर डीएम तक दिया गया है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मजबूरन प्रशासन को सूचना देकर सड़क जाम कर धरना देना पड़ा.

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