Purnia news : सिल्ट व गाद के कारण घट गयी सौरा की गहराई, अब चौड़ाई पर भी संकट

लंदन की टेम्स नदी की तरह पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय के शहर को दो हिस्सों में बांटनेवाली सौरा नदी की गहरायी सिल्ट और गाद के कारण घट गयी है.

By Sharat Chandra Tripathi | May 11, 2024 12:02 AM

Purnia news : लंदन की टेम्स नदी की तरह पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय के शहर को दो हिस्सों में बांटनेवाली सौरा नदी की गहरायी सिल्ट और गाद के कारण घट गयी है. नदी की जल धारा के प्रवाह के लिए इसकी सफाई कर गहराई बढ़ाये जाने की जरूरत बुद्धिजीवियों ने बतायी है और कहा है कि कचरे के कारण अब जगह-जगह नदी की चौड़ाई पर भी संकट बना हुआ है. पूर्णिया सिटी में तो नदी के दोनों किनारे आपस में काफी करीब हो गये हैं. अंत:स्त्राविणी सौरा की धारा में सिटी काली घाट के निकट से थोड़ा पानी दिखायी दे रहा है, जो नापने लायक भी नहीं है. गौरतलब है कि सौरा नदी पूर्णिया और अररिया जिले के विस्तृत भू-भाग को सिंचित करती रही है. इस नजरिये से दोनों जिलों में नदी की वर्तमान गहरायी की माप और इसे और गहरा करने की जरूरत महसूस की जाती रही है, ताकि नदी का पानी बर्बाद न हो और समान रूप में अपनी गति में बहती रहे. इसके साथ ही सौरा नदी पूर्णिया के पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक रही है. पर, सूखती और सिकुड़ती सौरा ने शहरवासियों को सकते में डाल दिया है. इस नदी में सिटी के समीप पुल के दोनों तरफ गाद और कचरा भर गया है. जानकारों का कहना है कि सौरा का पानी डाउनस्ट्रीम में खिसकता जा रहा है. इसे बचाने के लिए विभागीय स्तर पर बड़ी परियोजना बनाए जाने की जरूरत है. नागरिकों का कहना है कि इसके लिए जनप्रतिनिधियों द्वारा भी सरकार पर दबाव बनाया जाना चाहिए.

आस्था के नाम पर लोग भी फैला रहे गंदगी

विडंबना है कि पूर्णिया सिटी में सौरा नदी के पानी में आस्था के नाम पर लोग भी गंदगी फैला रहे हैं. सिटी में सौरा नदी में पूजन-अनुष्ठान का कचरा फेंका जा रहा है. आलम यह है कि धीरे-धीरे घरों के पूजन स्थलों और मुंडन आदि की विसर्जित की जानेवाली सामग्रियों के ढेर कचरे के रूप में नदी की आधी चौड़ाई को लांघ गये हैं और अब दूसरे किनारे को छूनेवाले हैं. नदी में पुल के नीचे से मंदिर के सामने तक दोनों तरफ नदी के किनारे गंदगी पसरी हुई है. दरअसल, लोग अपने-अपने घरों से पूजा-पाठ संपन्न होने के बाद विसर्जन के नाम पर सारा आइटम नदी में ही डाल देते हैं. इतना ही नहीं प्रतिमाओं का भी विसर्जन किया जाता है, जिसकी चचरी समय पर नहीं निकाली जाती है. इससे नदी की धारा बाधित हो रही है.

सौरा की हालत से दिलों में उठ रही टीस

सौरा नदी की मौजूदा स्थिति अब दिलों में टीस मार रही है. इस नदी को बचाने के लिए पिछले कई सालों से पूर्णिया के लोग लगातार आवाज उठा रहे हैं और इसके बाद भी प्रशासनिक और राजनीतिक खामोशी नहीं टूट सकी है. यही सवाल पूर्णियावासियों को साल रहा है. लोगों का कहना है कि यही वह नदी है, जहां वे श्रद्धा की डुबकी लगा कर पूरे सावन मंदिर तट के शिवालय में जलाभिषेक करते रहे हैं. मंदिर के प्रसाद के लिए भी इसी नदी का पाने इस्तेमाल होता रहा है. पर, आज नदी का जल प्रवाह जिस तरह ठहर गया है, वह चिंता का विषय बना है. आस्था के साथ हमारे जीवन के लिए भी इस नदी का जीवित रहना जरूरी है, क्योंकि शहर में यह एकमात्र नदी शेष रह गयी है.

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