पूर्णिया कॉलेज के तत्कालीन सचिव ने बेच दी थी रंगभूमि की कई एकड़ जमीन
रंगभूमि व स्टेडियम की जमीन पर न्यायालय का फैसला पूर्णिया कॉलेज के पक्ष में आने के सात साल बाद कई दफन राज जगजाहिर हो रहे हैं.
पूर्णिया. रंगभूमि व स्टेडियम की जमीन पर न्यायालय का फैसला पूर्णिया कॉलेज के पक्ष में आने के सात साल बाद कई दफन राज जगजाहिर हो रहे हैं. ताजा खुलासा यह हुआ है कि पूर्णिया कॉलेज के तत्कालीन सचिव ने रंगभूमि के उत्तरी हिस्से की जमीन की बड़े पैमाने पर बिक्री कर दी थी. जबकि प्रावधान के अनुसार, पूर्णिया कॉलेज को भी अपनी जमीन को बेचने की शक्ति अप्राप्त है. ऐसे में तत्कालीन सचिव ने जो जमीन बेची और आज जो भी उस जमीन पर काबिज हैं, उनके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. यह मुश्किल तब बढ़ेगी, जब म्यूटेशन कराने के बाद पूर्णिया कॉलेज रंगभूमि की अपनी जमीन की मापी और घेराबंदी के लिए कवायद करेगा. गौरतलब है कि पूर्णिया कॉलेज के पास शहर में दो परिसर हैं. एक परिसर 47.24 एकड़ का है, जिसमें पूर्णिया कॉलेज संचालित हो रहा है, जबकि दूसरा परिसर 172 बीघा 16 कट्ठा यानी 72.30 एकड़ है, जिसमें रंगभूमि और स्टेडियम है. पूर्णिया कॉलेज की लापरवाही के कारण म्युनसिपल सर्वे में यह जमीन गैर मजरुआ बिहार सरकार हो गया था. 18 नवंबर 2017 को अदालत ने इसे पूर्णिया कॉलेज की खतियानी जमीन करार दिया. वर्तमान प्रधानाचार्य प्रो सावित्री सिंह की ओर से प्रो इश्तियाक अहमद ने एक पत्र एसडीओ को देकर इंदिरा गांधी स्टेडियम और रंगभूमि की जमीन पर पूर्णिया कॉलेज का हक जताया है. पूर्णिया कॉलेज के पत्रांक 148/25 दिनांक आठ अगस्त 2025 के तहत पूर्णिया सदर के एसडीओ को जमीन का ब्योरा दिया गया है. अब पूर्णिया कॉलेज को म्यूटेशन कराने की दिशा में सक्रियता दिखाने की जरूरत है.
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