महावीर स्वामी के विचार जीवन में आत्मसात करने की जरूरत
प्राइमरी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में संगोष्ठी
महावीर जयंती पर मिल्लिया सर सैयद प्राइमरी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में संगोष्ठी पूर्णिया. महावीर जयंती के अवसर पर मिल्लिया सर सैयद प्राइमरी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, रामबाग, पूर्णिया में कॉलेज की प्राचार्या डॉ. कंचन गुप्ता के निर्देशन में ‘युवाओं के मध्य महावीर स्वामी के विचारों की प्रासंगिकता’विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को भगवान महावीर के अमूल्य विचारों से जोड़ना और उन्हें वर्तमान जीवन में आत्मसात करना था.कार्यक्रम का संचालन सहा. प्राध्यापक अक्षय शर्मा ने किया.उन्होने कहा कि महावीर स्वामी केवल एक तीर्थंकर नहीं थे, वे एक वैज्ञानिक, समाज सुधारक और युग दृष्टा थे.कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. स्मृति अमृता ने की. संगोष्ठी में कॉलेज के सभी शिक्षकगण और प्रशिक्षु शिक्षकों ने भाग लिया और महावीर स्वामी के विचारों पर अपने विचार प्रस्तुत किए. मृत्युंजय कुमार ने “स्वयं की समझ ” और आत्मनिरीक्षण पर बल दिया, गुडेश कुमार ने “नैतिक मूल्यों की वर्तमान में महत्ता” पर प्रकाश डाला, नीरज मिश्रा एवं अनमोल कुमार झा ने “आध्यात्मिकता की आवश्यकता पर चर्चा” की व ललित झा ने “भगवान महावीर की आध्यात्मिक यात्रा से युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया. अन्य वक्ताओं में डॉ. शहबाज़ ज़फर, शिशिर झा, मुकेश कुमार, गोविंद कुमार,माविया सामी, सिम्मी सिंह,शालिनी शालूजा, संजीत कुमार,अरुण कुमार एवं महेन्द्र कुमार ने भी अपने प्रेरणादायक विचार रखे. प्रशिक्षु शिक्षकों में से विकास कुमार, प्रिंस कुमार, सागर कुमार, सलोनी, एवं मुसर्रत ने भी अपने विचार रखे. संगोष्ठी के अंत में सभी वक्ताओं, आयोजकों एवं उपस्थितजनों ने यह संकल्प लिया कि महावीर स्वामी के विचार केवल किताबों तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें जीवन में उतारना ही उनकी सच्ची प्रासंगिकता है.संगोष्ठी का समापन “जय जिनेन्द्र” के उद्घोष के साथ हुआ, जो अहिंसा, सत्य और आत्मसंयम के दिव्य संदेश को प्रतिबिंबित करता है.
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