पूर्णिया में महसूस की जा रही है रिंग रोड की जरुरत, मुखर हो रही मांग

मुखर हो रही मांग

By ARUN KUMAR | March 18, 2025 6:04 PM

पूर्णिया जिला मुख्यालय में में रिंग रोड बनने से कम हो जाएगी यातायात की परेशानी

नेपाल व पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे प्रमंडलीय मुख्यालय की सड़कों पर है काफी दबाव

एयरपोर्ट चालू होने पर और बढ़ेगा दबाव, चहुंओर गहराएगा जाम का संकट, बढ़ेगी मुश्किलें

अंदर की सड़कों पर भारी वाहनों के प्रवेश से शहर में बढ़ा प्रदूषण, जाम से रेंग रहा ट्रैफिक

लाइन बाजार से पॉलिटेक्निक चौक वाया रजनी चौक अभी बनया जा रहा है बायपास रोड

सिटी काली बाड़ी के सामने सौरा नदी के तट से बेलौरी बायपास तक बायपास का है प्रस्ताव

पूर्णिया. शहर में रिंगरोड न होने से भारी वाहनों की आवाजाही शहर के अंदर से हो रही है जिससे न केवल शहर की आवोहवा में फर्क आया है बल्कि जाम के संकट के कारण शहर का ट्रैफिक भी प्रभावित हो रहा है. आलम यह है कि 24 घंटे गुजरने वाला मालवाहकों का काफिला शहर के ट्रैफिक, नागरिकों के जीवन की सुरक्षा और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है. शहरवासियों का मानना है कि रिंग रोड बनने से शहर में भारी वाहनों को आना-जाना रुकेगा जिससे हर पल होने वाले प्रदूषण और जाम से मुक्ति मिलेगी और दुर्घटना को भी ब्रेक लगेगा. यही वजह है कि अब पूर्णिया शहर में रिंग रोड की मांग जोर पकड़ने लगी है. शहरवासियों का कहना है कि समय, जान और स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर रिंग रोड के लिए हर स्तर पर पहल की जानी चाहिए.गौरतलब है कि पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय है और इस प्रमंडल की सीमाएं एक तरफ नेपाल और दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की सीमाओं को छूती हैं. इधर, सहरसा-मधेपुरा और भागलपुर के इलाके भी पूर्णिया प्रमंडल की सीमा से सटकर अवस्थित हैं. सड़क मार्ग के मामले में पूर्णिया पूर्वोत्तर भारत का गेटवे माना जाता है. वैसे सड़क के मामले में पूर्णिया धनी है. शहर के पूर्वी किनारे पर एन एच 57 एवं एन एच 31 मौजूद है जबकि पश्चिमी किनारे से एन एच 31 और एन एच 107 को जोड़ने वाली बाय-पास सड़क भी वजूद में आ गया है. पिछले साल बना पूर्णिया-नरेनपुर रोड भी अस्तित्व में आ गया है. इधर, शहरी इलाके में सिक्सलेन रोड भी है पर वाहनों का दबाव इतना ज्यादा है कि इस पर भी रोजाना जाम का संकट बना रहता है जबकि वाहनों से निकलने वाला काला धुआं शहर को प्रदूषण की आग में झोंक रहा है. शहरवासियों का कहना है कि जाम, हादसा और प्रदूषण के संकट के निवारण के लिए रिंग रोड का निर्माण जरूरी है.

एयरपोर्ट चालू होने से शहर पर बढ़ेगा यातायात का दबाव

पूर्णिया एयरपोर्ट अब कुछ ही महीनों में चालू होने वाला है. एयरपोर्ट का चालू होना भले ही सुखद अहसास देता हो पर बड़ी समस्या यह है कि इसके चालू होते ही पूर्णिया की सड़कों पर स्वाभाविक रुप से यातायात का दबाव बढ़ेगा. हालांकि एनएच से एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी के लिए अलग रोड बन रहा है पर एयरपोर्ट शुरू होने के बाद कटिहार,अररिया किशनगंज के अलावा मधेपुरा, सहरसा, सुपौल और आसपास के अन्य जिलों के नागरिक भी हवाई यात्रा के लिए पूर्णिया तक आवाजाही करेंगे. अगर देखा जाए तो इस हिसाब से एयरपोर्ट के लिए सभी को पूर्णिया शहर से होकर गुजरना होगा और तब यदि वे जाम में फंस गये तो उनका प्लेन छूट भी सकता है. ऐसी स्थिति में रिंग रोड वरदान साबित होगा.

शहर में हर जगह लगता है जाम

शहरी इलाका गुलाबबाग जीरोमाइल से शुरू हो जाता है और गुलाबबाग आज एक बड़ी गल्ला मंडी के रुप में विकसित है. यहां देश के विभिन्न हिस्सों से मालवाहक वाहनों की आवाजाही होते रहती है. इधर, लाइन बाजार में पूर्णिया मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल होने के कारण रोजाना औसतन 30 हजार लोगों की आवाजाही होती है जिससे यहां सुबह से शाम तक कई चरणों में जाम लगता है. आलम यह है कि गिरिजा चौक से लाईन बाजार होकर खुश्कीबाग होते गुलाबबाग से आगे तक प्रतिदिन यातायात पर भारी दबाव के कारण जाम लगा रहता है जबकि शहर के बीच में बस स्टैण्ड रहने के कारण जाम में फंसना आमलोगों की नियति बनी हुई है. गिरिजा चौक और आरएनसाव चौक पर वाहनों का दबाव सबसे ज्यादा रहता है और लोग यहां भी परेशान रहते हैं.———————————

आंकड़ों पर एक नजर

551 किलोमीटर अन्य पक्की और लंबी सड़कें हैं पूरे जिले में300 किलोमीटर लंबा राजमार्ग गुजरा है जिले से

10.5 किमी होगी जिले में एनएच 131ए की लंबाई

65 किलोमीटर एनएच-31पश्चिम बंगाल तक है40 किमी एनएच-107 पूर्णिया से मधेपुरा सीमा तक है

25 किमी-एनएच 57 अररिया जिला की सीमा तक है60 किलोमीटर स्टेट हाइवे मधेपुरा सीमा तक है75 किलोमीटर स्टेट हाइवे टीकापट्टी-कटिहार सीमा तक है3.77 किलोमीटर होगी लाइन बाजार-पॉलिटेक्निक बायपास की लंबाई

3.77 किमी. लंबे इस बायपास पर 12.62 करोड़ रूपये होंगे खर्च12 करोड़ 62 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा बायपास का निर्माण

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