पूर्णिया बने एसएमआर आधारित औद्योगिक व डेटा सेंटर हब : सांसद
लोकसभा में सांसद की मांग
लोकसभा में सांसद की मांग
पूर्णिया. पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने लोकसभा में केंद्र सरकार से बिहार, विशेषकर पूर्णिया को स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) आधारित औद्योगिक एवं डेटा सेंटर हब के रूप में विकसित करने की जोरदार मांग की. उन्होंने कहा कि सीमित भूमि, बढ़ती ऊर्जा मांग और डिजिटल भारत के लक्ष्य को देखते हुए एसएमआर कोई विकल्प नहीं, बल्कि औद्योगिक और डिजिटल भारत की अनिवार्यता है. सांसद ने स्पष्ट किया कि उनकी यह मांग विरोध की नहीं, बल्कि डेटा, तकनीक और दूरदृष्टि पर आधारित राष्ट्रहित की सोच है. सांसद पप्पू यादव ने कहा कि बिहार और पूर्णिया जैसे क्षेत्रों में भूमि सीमित है, लेकिन औद्योगिक, डिजिटल और डेटा सेंटर जैसी परियोजनाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में 4 से 6 एसएमआर यूनिट (कुल 1 से 1.5 गीगावाट) की स्थापना से औद्योगिक क्लस्टरों को स्थिर बिजली मिल सकेगी. इससे न केवल डेटा सेंटर हब की स्थापना संभव होगी, बल्कि स्थानीय रोजगार, निवेश और क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी. उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि एसएमआर को राष्ट्रीय ऊर्जा नीति में बेसलोड पावर के रूप में मान्यता दी जाए और बिहार को एसएमआर पायलट राज्य का दर्जा दिया जाये. एसएमआर की तकनीकी खूबियों का उल्लेख करते हुए सांसद ने बताया कि एक एसएमआर यूनिट की क्षमता 50 से 300 मेगावाट होती है और परमाणु ऊर्जा का कैपेसिटी फैक्टर 90 प्रतिशत से अधिक रहता है. उन्होंने कहा कि सोलर की तुलना में एसएमआर को लगभग 1/10 या उससे भी कम भूमि की आवश्यकता होती है, जबकि इसका परिचालन जीवन 60 से 80 वर्ष तक होता है. पप्पू यादव ने केंद्र सरकार से एसएमआर को राष्ट्रीय ऊर्जा नीति में बेसलोड पावर के रूप में मान्यता देने, बिहार को एसएमआर पायलट राज्य बनाने,पूर्णिया को एसएमआर आधारित औद्योगिक एवं डेटा सेंटर हब के रूप में विकसित कतने की मांग की है. उन्होंने कहा कि संसाधनों का असली मालिक देश का हर नागरिक है. नीतियां यदि समावेशी होंगी, तो भारत कॉरपोरेट साम्राज्यवाद नहीं, बल्कि संतुलित और न्यायपूर्ण विकास की ओर बढ़ेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
