एक्सपायरी कीटनाशक दवा के छिड़काव से एक एकड़ में लगी मटर फसल बर्बाद
एक्सपायरी कीटनाशक दवा का छिड़काव से एक एकड़ खेत में लगी मटर की फसल बर्बाद होने के कगार पर है. किसान और उनका परिवार खेत में लगी मटर फसल को सूखते देख गहरे सदमे में हैं.
किसान की शिकायत पर बीएओ ने की मामले की जांच जलालगढ़. एक्सपायरी कीटनाशक दवा का छिड़काव से एक एकड़ खेत में लगी मटर की फसल बर्बाद होने के कगार पर है. किसान और उनका परिवार खेत में लगी मटर फसल को सूखते देख गहरे सदमे में हैं. जलालगढ़ प्रखंड क्षेत्र के दनसार मौजा वार्ड 11 के किसान ज्योतिष मंडल ने बताया कि वह खेती के लिए कर्ज लिया था, लेकिन एक ही झटके में सारे अरमान पर पानी फिर गया. करीब 90 हजार का नुकसान हुआ है. उन्होने बताया कि करीब एक एकड़ खेत में मक्का व मटर की अंतरवर्ती खेती की है. मटर में फंगस को देख जलालगढ़ बाजार स्थित एक खाद बीज के दुकानदार से अपनी समस्या बतायी. दुकानदार ने दवा के रूप में सुपरकीलर 25 दवा दी. किसान ज्योतिष मंडल ने बताया कि 9 दिसंबर को दुकान से दवा ली और दवा का छिड़काव 10 दिसंबर को किया. करीब दस दिन बाद खेत में लगे मटर का पौधा पीला व सूखने लगा. जब इसकी जानकारी दुकानदार को दी तो उसने उसकी बातों को टाल दिया. परेशान होकर उन्होंने 22 दिसंबर को ई किसान भवन पहुंचकर मामले की लिखित शिकायत की. इसके बाद कृषक समन्वयक निरंजन झा, किसान सलाहकार विवेकानंद दास उनके खेत पर गये और बताया कि मटर के पौधे में कोई बीमारी लग गयी है, जबकि कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ के शस्य वैज्ञानिक डॉ गोविंद कुमार का कहना है कि दलहनी में लगने वाला उकठा रोग जैसे लक्षण नजर नहीं आया. किसान का कहना है कि दवा की एक्सपायरी की तिथि 8 अक्तूबर 2025 था, लेकिन दुकानदार ने 9 दिसंबर को इस दवा को बेच दिया. मामले को लेकर बीएओ कमलेश कुमार मिश्र ने बताया कि इस मामले की जांच की गयी. जांच के दौरान पाया गया कि दवा एक्सपायरी डेट की है. जिस दुकान से यह दवा ली गयी उस दुकानदार के पास पेस्टिसाइड्स का लाइसेंस भी नहीं है. इसके लिए जांच कर वरीय अधिकारी को इसकी जानकारी दी गयी है.
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