पूर्णिया में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर सांसद ने लोकसभा में उठाये जनहित के सवाल

हाईकोर्ट बेंच

By ARUN KUMAR | December 17, 2025 6:32 PM

पूर्णिया. हाई कोर्ट बेंच के निर्माण की मांग को लेकर सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा में जोरदार तरीके से अपनी बात रखी. उन्होंने इसे केवल एक क्षेत्रीय मांग नहीं, बल्कि न्याय तक आम आदमी की पहुंच से जुड़ा गंभीर विषय बताया. अपने विस्तृत संबोधन में उन्होंने न्याय, प्रशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा, जमीन, निजीकरण और गरीबों के अधिकारों से जुड़े कई अहम सवाल केंद्र सरकार के सामने रखे. सांसद ने कहा कि बिहार जैसे बड़े राज्य में सिर्फ एक हाई कोर्ट होना आम जनता के साथ अन्याय है. पूर्णिया जैसे पिछड़े क्षेत्र में हाई कोर्ट बेंच बनने से लाखों लोगों को राहत मिलेगी.शराबबंदी कानून पर सवाल उठाते हुए पप्पू यादव ने कहा कि इस कानून के नाम पर लाखों गरीब लोगों को जेल में बंद कर दिया गया है, जबकि असली दोषी खुलेआम घूम रहे हैं.भूमि सुधार और राजस्व व्यवस्था पर बोलते हुए सांसद ने जमाबंदी में फैले व्यापक भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास और गरीब आदमी अपनी जमीन के कागजात तक नहीं बनवा पाता, जबकि जमीन माफिया सरकारी जमीन अपने नाम करवा लेते हैं.उन्होंने सवाल किया कि इस लूट के खिलाफ आखिर कौन सा कानून है.बुलडोजर कार्रवाई पर सांसद पप्पू यादव ने तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि सौंदर्याकरण के नाम पर गरीबों की दुकानों और घरों को तोड़ा जा रहा है, लेकिन उन्हें न तो वैकल्पिक व्यवस्था दी जाती है और न ही जमीन. इसके उलट, सरकारी जमीन पर माफिया कब्जा कर रहे हैं और आम आदमी को कुछ नहीं मिल रहा.उन्होंने पूछा कि क्या गरीबों के लिए कोई संवेदनशील कानून सरकार के पास है.अपने भाषण की शुरुआत उन्होंने इंडिगो एयरलाइंस के संकट को लेकर कहा कि हालिया फ्लाइट संकट में पूरा देश मानो कैद हो गया था.उड़ानें बंद रहीं और आम लोग परेशान हुए, लेकिन पूंजीपतियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने सवाल उठाया कि जो बड़े कॉरपोरेट देश से पैसा लूटकर भाग जाते हैं या देश के साथ खिलवाड़ करते हैं, उनके लिए जुर्माना और कानून क्यों नहीं है. क्या कानून सिर्फ गरीबों के लिए ही बने हैं.अपने संबोधन के अंत में सांसद पप्पू यादव ने केंद्र सरकार से अपील किया कि अधिक से अधिक जजों की नियुक्ति की जाए और बिहार में अतिरिक्त हाई कोर्ट बेंचों का निर्माण किया जाए, विशेषकर पूर्णिया में.

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