लोकसभा में डॉक्टरों की मनमानी व मनरेगा बिल पर बरसे सांसद

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By ARUN KUMAR | December 18, 2025 6:25 PM

पूर्णिया. लोकसभा में पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने एक बार फिर जनहित से जुड़े गंभीर मुद्दों को मजबूती से उठाया. उन्होंने जहां एक ओर निजी स्वास्थ्य व्यवस्था में डॉक्टरों और निजी अस्पतालों की मनमानी पर सवाल खड़े करते हुए उनकी अकाउंटेबिलिटी तय करने की मांग की, वहीं दूसरी ओर मनरेगा के खिलाफ लाए जा रहे बिल को गरीबों और पंचायती राज व्यवस्था पर सीधा हमला करार दिया. सांसद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर समय रहते इन मुद्दों पर ठोस कानून और जवाबदेही तय नहीं की गई, तो इसका सबसे बड़ा नुकसान देश के गरीब, मजदूर और ग्रामीण समाज को होगा. सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा में कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया मेडिकल एजुकेशन और प्रैक्टिस को रेगुलेट करती है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं का तेजी से निजीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ‘वन नेशन, वन हेल्थ’ और ‘वन नेशन, वन एजुकेशन’की अवधारणा का उल्लेख करते हुए कहा कि जर्मनी और अन्य विकसित देशों में स्वास्थ्य और शिक्षा पूरी तरह सरकार द्वारा प्रायोजित होती है, जबकि भारत में इन्हें कॉरपोरेट्स के हवाले किया जा रहा है. उन्होंने चिंता जताई कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में 60,500 से अधिक सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं, योग्य शिक्षकों की भर्ती नहीं हो रही है और आईआईटी-आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को भी निजी हाथों में देने की कोशिश की जा रही है. सांसद ने पूछा कि क्या इस पूरे निजीकरण पर नजर रखने के लिए कोई रेगुलेटरी बॉडी बनेगी और क्या इस देश में किसी की जवाबदेही तय होगी? स्वास्थ्य क्षेत्र पर बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि निजी अस्पतालों में मरीजों से मनमानी वसूली हो रही है. जांच के नाम पर अनाप-शनाप शुल्क लिया जाता है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पूरी व्यवस्था नौकरशाहों के हाथों में सौंप दी गई, तो वही देश को गुलामी की ओर ले जाएंगे, इसलिए नौकरशाहों और सिस्टम की अकाउंटेबिलिटी तय करना जरूरी है.वहीं, मनरेगा को लेकर लाए जा रहे नए बिल पर बोलते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा कि यह सीधे तौर पर गरीबों, मजदूरों और पंचायती राज व्यवस्था के खिलाफ है.

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