नाटक के माध्यम से नशा व बालश्रम के खिलाफ लोगों को किया जागरूक
पूर्णिया
पूर्णिया. बदलते परिवेश में अपनी पुरानी परंपराओं एवं सांस्कृतिक धरोहरों को ज़िंदा रखना बहुत बड़ी बात है खासकर जब चारो ओर आधुनिकता का दौर चल रहा हो. इसी एक ख़ास परम्परा को आजतक आमलोगों से जोड़े हुए है सांस्कृतिक आंचल मोहना टोल जहां बीते मंगलवार को विषहरी मेला के मौके पर विषहरी स्थान मोहना टोल में मोहित मोहन द्वारा लिखित नाटक जागृति की कलाकारों ने जीवंत प्रस्तुति दी. यह नाटक समाज की सबसे बड़ी कुरीति बाल मजदूरी एवं नशा मुक्ति पर आधारित थी. जैसा कि आम परिवार के मुखिया द्वारा नशा का आदी हो जाने के बाद उसके परिवार की स्थिति हो जाती है उसे अपनी प्रस्तुती के माध्यम से कलाकारों ने बखूबी दर्शाया. वहीं उसके सुधर जाने के बाद किस प्रकार उसके घर में खुशहाली आती है जैसे नाटक के सुखद अंत के माध्यम से समाज को एक अच्छा संदेश दिया. संस्थान के कलाकारों ने हास्य एवं शिक्षा से ओत प्रोत अपने अभिनय कला से भारी संख्या में उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया. इस नाटक में निलेश कुमार, रमाशंकर स्वर्णकार, मिथुन कुमार, अंकित कुमार आर्य, नितेश आर्य, अनिसा कुमारी, धनंजय कुमार, श्वेता स्वराज, हेमंत कुमार, पूजा कुमारी, राकेश कुमार आदि कलाकारों ने भाग लिया. सांस्कृतिक आंचल के अध्यक्ष नवीन कुमार ने बताया कि इस नाटक की प्रस्तुति से हमारे समाज में नशा मुक्ति, बाल मजदूरी एवं लोगों के बीच अपने स्वास्थ्य के प्रति जागृति आएगी और यह एक सभ्य समाज के निर्माण में सराहनीय कदम साबित होगा.
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