सरकारी एम्बुलेंसकर्मियों की हड़ताल से सांसत में जान
चालक और हेल्पर सहित लगभग 140 कर्मी हैं हड़ताल पर
जिले में एमटी, चालक और हेल्पर सहित लगभग 140 कर्मी हैं हड़ताल पर पूर्णिया. विगत एक सितम्बर से एम्बुलेंसकर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के बाद जिले में सरकारी एम्बुलेंस का संचालन ठप पड़ा हुआ है. वहीं छठे दिन भी सभी एम्बुलेंसकर्मी अपनी मांग के समर्थन में जीएमसीएच परिसर में हड़ताल पर जमे रहे. उनके हड़ताल पर चले जाने से दुर्घटना एवं आपात की स्थिति में मरीजों की जान सांसत में नजर आती है. उनके समक्ष निजी वाहनों अथवा निजी एम्बुलेंस की सहायता लेना इन दिनों मजबूरी बनी हुई है. वैसे मरीजों के परिजनों के साथ भी परेशानी बढ़ जाती है जिनके समक्ष अपने पेशेंट को हायर सेंटर के लिए दूर दराज ले लाने की नौबत आती है. इनके अलावा दूर दराज के मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी अस्पतालों को रोगी कल्याण समिति के माध्यम से निजी वाहनों के साथ साथ आरबीएसके वाहनों की आवश्यकतानुसार व्यवस्था करने का निदेश दिया गया है. इसके बावजूद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में ऑटो और टोटो से मरीजों का आना जारी है. इनमें स्थानीय स्तर से लेकर आसपास के इलाकों को मरीज शामिल हैं.
मनमाना भाड़ा वसूल रहे निजी एम्बुलेंस संचालकइधर सरकारी एम्बुलेंस चालकों के बेमियादी हड़ताल पर जाने के बाद से निजी एम्बुलेंस संचालकों की चांदी बनी हुई है. हर दिन जीएमसीएच के आसपास दर्जन भर निजी एम्बुलेंस की कतार लगी रहती है इनके द्वारा मरीजों को पटना, सिलीगुड़ी या अन्य स्थानों पर सम्बंधित अस्पतालों तक पहुंचाया जाता है. इनमें सामान्य तौर पर पूर्णिया से मरीज को पटना तक ले जाने के लिए तकरीबन 9 हजार रूपये से लेकर 18 हजार रूपये तक शुल्क वसूले जाते हैं. निजी संचालकों ने ये दरें एम्बुलेंस की क्षमता और उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर तय की हैं. वहीं कहीं कहीं इनके द्वारा ज्यादा राशि भी वसूले जाने की बात सामने आई है. वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कनौजिया ने कहा कि शिकायत के तौर पर अभी तक इस तरह की बात सामने नहीं आई है शिकायत मिलने पर मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी. मालूम हो कि जिले के सभी प्रखंडों में स्थित स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मोर्च्युरी वाहन सहित कुल 39 एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है जिनमें एमटी, चालक और हेल्पर सहित कुल लगभग 140 कर्मी तैनात हैं ये सभी श्रम क़ानून के तहत निर्धारित सुविधायें एवं पेमेंट की मांग कर रहे हैं.
बोले सिविल सर्जन
हड़ताल के मामले में स्वास्थ्य विभाग, नियोक्ता कम्पनी एवं हड़ताल पर बैठे कर्मियों से बातचीत जारी है. जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा. वैसे सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों को रोगी कल्याण समिति व आरबीएसके द्वारा वाहन की जरुरत को पूरा करने को कहा गया है और यह व्यवस्था सुनिश्चित करने की जवाबदेही दे दी गयी है कि मरीजों को कोई परेशानी न हो.
डॉ. प्रमोद कनौजिया, सिविल सर्जनडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
