कहीं कोरोनांचल बनने की राह पर तो नहीं है सीमांचल, 15 दिन में 25 से अधिक केस होने से लोग बेहाल

तीन महीने तक लगातार सजगता की अलख जगाने के बाद भी सीमांचल के सुरक्षा चक्र को आखिरकार कोरोना ने भेद दिया है. महज 15 दिन में 25 से अधिक केस सामने आने के बाद पूरे सीमांचल में लोग जहां बेहाल हैं वहीं यह सवाल भी उनके मन में कौंध रहा कि यह कोरानांचल बनने की शुरुआत तो नहीं है

By Prabhat Khabar | May 11, 2020 12:18 AM

पूर्णिया : तीन महीने तक लगातार सजगता की अलख जगाने के बाद भी सीमांचल के सुरक्षा चक्र को आखिरकार कोरोना ने भेद दिया है. महज 15 दिन में 25 से अधिक केस सामने आने के बाद पूरे सीमांचल में लोग जहां बेहाल हैं वहीं यह सवाल भी उनके मन में कौंध रहा कि यह कोरानांचल बनने की शुरुआत तो नहीं है. पिछले 27 अप्रैल को सीमांचल के हृदय पूर्णिया में पहले संक्रमण की पुष्टि हुई. इसके बाद अररिया, कटिहार और किशनगंज में भी मामले सामने आ गए. ताजा आंकड़े के मुताबिक कटिहार में 11, किशनगंज में 9, अररिया में 4 और पूर्णिया में 2 व्यक्ति संक्रमित हैं.

सबसे गंभीर विषय है कि सीमांचल का सबसे पहला संक्रमित व्यक्ति में अभी तक कोरोना के लक्षण नदारद हैं. इस प्रकार के लक्षणरहित मामलों को लेकर महानगर भी हायतौबा मचा चुके हैं. जबकि किशनगंज का पहला संक्रमित व्यक्ति पूर्णिया से किशनगंज तक कई व्यक्तियों के संपर्क में आया है. इसे लेकर संपर्क में आये व्यक्तियों को चिह्नित कर क्वारेंटिन करते हुए सैंपल जांच करायी जा रही है. इधर, पूर्णिया प्रमंडल के क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि कोरोना को लेकर प्रशासन के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग तमाम कवायद में जुटा है.

किशनगंज के पहले संक्रमित ने 4 मई को शोरूम से खरीदी थी बाइक, सभी कर्मियों को किया गया होम क्वारेंटिन भवानीपुर. किशनगंज के पहले संक्रमित रेलकर्मी ने रुपौली-पूर्णिया एसएच 65 मुख्यमार्ग पर थाना चौक के पास आदित्य हीरो शोरूम से 4 मई को बाइक खरीदी थी. किशनगंज में 7 मई को उसे कोरोना रोग से ग्रसित पाकर पॉजिटिव घोषित किया गया. जब शोरूम के कर्मियों को पता चला कि बाइक खरीदने वाले व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव है तो उसमें काम करने वाले सभी कर्मियों एवं आसपास के लोगों के होश उड़ गए . मुख्यालय स्थित आसपास में इसकी चर्चा जोरो से होने लगी.

इस बीच प्रखंड प्रशासन को सूचना मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रेम कुमार, थानाध्यक्ष सुभाष कुमार मंडल शोरूम जाकर उपस्थित सभी कर्मियों से गहन छानबीन करने में जुट गए. उपस्थित कर्मियों से पता चला कि वह मधेपुरा जिला का निवासी है जो रेलवे किशनगंज में कर्मचारी है .पॉजिटिव होने के बाद वह अपने घर आया था. घर से भवानीपुर शोरूम में एक बाइक खरीदी और बाइक खरीद कर अपने घर चला गया. दूसरे दिन ही हीरो शोरूम बंद कर सभी कर्मी अपने अपने घर चले गए .उसमें काम करने वाले अधिकांश कर्मी धमदाहा प्रखंड के थे .इसमें दो तीन व्यक्ति ही भवानीपुर प्रखंड क्षेत्र के हैं.

इस बाबत प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रेम कुमार ने बताया कि हीरो शोरूम के सभी कर्मियों को होम क्वारेंटिन में 14 दिनों तक रखने का निर्देश दिया. इसकी सारी व्यवस्था अलग रखने का भी सुझाव दिया. साथ ही साथ कहा कि अगर किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की कठिनाई होती है या तबीयत खराब होती है तो उसकी सूचना अविलंब प्रखंड के प्रशासन एवं अस्पताल के डॉक्टर को देने की सलाह दी .अगर उनकी तबीयत खराब होती है तो डॉक्टर खुद उनके घर पर जाकर इलाज करेंगे .उन्हें अपने घर से इधर उधर जाने की जरूरत नहीं है. घर में भी रहकर सोशल डिस्टेंस बना कर रखना अनिवार्य होगा.

संक्रमित युवक को ले दमदमा गांव के तीन व्यक्ति की रिपोर्ट का इंतजार जलालगढ़. प्रखंड के संक्रमित जोन भटगामा से जुड़े दमदमा गांव केतीन व्यक्ति की रिपोर्ट आने का लोग इंतजार कर रहे है. फिलहाल, इसे लेकर स्थानीय लोग आशंकित हैं. तीनों व्यक्ति सरसौनी पंचायत के दमदमा गांव के ही निवासी हैं और संक्रमित व्यक्ति के चचेरे भाई के संपर्क में आये थे. ऐहतियात के तौर पर उन तीनों की भी जांच करायी जा रही है. पीएचसी जलालगढ़ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा भीमलाल ने बताया कि तीनों व्यक्ति की रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कदम उठाया जाएगा.

फिलहाल, जिन 7 परिजनों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है, उन्हें 14 दिनों तक कवारेन्टीन में रखा जा रहा है. मरीजों पर पुलिस की ज्यादाती से हो रही परेशानी: आइएमए पूर्णिया. लॉकडाउन में क्लीनिकों के संचालन में आ रही परेशानी को एक बार फिर आइएमए ने सार्वजनिक किया है. आइएमए का आरोप है कि अब ट्रैफिक पुलिस उनके यहां आ रहे मरीजों के साथ ज्यादाती कर रही है. इस संबंध में आईएमए के सचिव डॉ. एम एम हक ने बताया कि क्लीनिकों के सामने मरीज बाइक समेत अपने वाहन खड़े कर आते हैं. लौटने पर पाते हैं कि उनके वाहन में लॉक लगा हुआ है.

इसके बाद उन्हें पुलिस को फाइन चुकाना पड़ता है. इसे लेकर पीड़ित मरीज अपना गुस्सा क्लिनिक संचालक पर निकालते हैं. उन्होंने सवाल किया कि चूंकि अभी लॉकडाउन में जाम की कोई समस्या भी नहीं है तो फिर पुलिस क्यों इतना सख्ती कर रही है. उन्होंने पुलिस को सुझाव दिया कि वह लाईन बाजार में जगह-जगह पार्किंग निर्धारित कर दे और वहां की सुरक्षा करे तो इस अप्रिय स्थिति का सामना तो कम से कम नहीं करना पड़ेगा. इस संबंध में ट्रैफिक डीएसपी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि सड़क पर वाहन खड़े करने पर पुलिस नियमों के मुताबिक अपनी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.

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