छात्राएं बोलीं-नहीं मिलता ताजा व पौष्टिक भोजन उपलब्ध

डीएम के आदेश पर डीडीसी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने की जांच

By ARUN KUMAR | November 18, 2025 6:25 PM

डीएम के आदेश पर डीडीसी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने की जांचपूर्णिया. राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय पूर्णिया की समस्या संज्ञान में आने पर जिला पदाधिकारी अंशुल कुमार द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए सोमवार को उप विकास आयुक्त अंजनी कुमार, वरीय उपसमाहर्ता शीलीमा एवं जिला परियोजना प्रबंधक पूर्णिया की जांच कमेटी गठित कर जांच प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया गया. जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में उक्त कमेटी द्वारा संयुक्त रूप से राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय पूर्णिया का स्थलीय जांच किया गया. जांच दल द्वारा सर्वप्रथम विद्यालय परिसर में अवस्थित भोजनालय एवं रसोईघर तथा पठान पठान तथा साफ सफाई का निरीक्षण किया गया. उपविकास आयुक्त ने छात्राओं से रू-ब-रू होकर भोजन की गुणवत्ता एवं मीनू के अनुसार भोजन तथा नाश्ता के वितरण की विस्तृत जानकारी ली. छात्राओं द्वारा बताया गया कि विद्यालय में मीनू के अनुसार ताजा एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाता है. इसके कारण खाद्य विषायक की समस्या उत्पन्न हो गई है. जीएमसीएच एवं अस्पताल पूर्णिया में छात्राओं के इलाज के दौरान उप विकास आयुक्त ने छात्राओं से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. छात्राओं द्वारा बताया गया कि पहले से स्वास्थ्य ठीक है.उप विकासआयुक्त ने उक्त विद्यालय के संचालन तथा व्यवस्था एवं संबंधित अधिकारी एवं कर्मियों की लापरवाही से संबंधित जांच प्रतिवेदन जिला पदाधिकारी को अग्रेत्तर कार्रवाई हेतु समर्पित कर दिया है.

क्या था मामला

फूड पॉइजनिंग से एक ही स्कूल की 14 से अधिक छात्रा की तबियत बिगड़ गयी थी. सभी को तत्काल जीएमसीएच के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया. यह घटना शहर के कल्याण छात्रावास के पास स्थित गवर्नमेंट ओबीसी गर्ल्स स्कूल के छात्रावास में सोमवार की सुबह हुई थी. सभी ने सुबह के नाश्ते में लिट्टी चटनी खाया था. इसके कुछ ही देर बाद अचानक सभी की तबियत बिगड़ने लगी. छात्राओं को उल्टी, ठंड लगने, तेज सर दर्द और चक्कर आने लगे. घटना की सूचना जैसे ही स्कूली छात्राओं के अभिभावकों को लगी, स्कूल प्रबंधन ने मेन गेट पर ही परिजनों को अंदर जाने से साफ मना कर दिया. इसके बाद परिजन नाराज हो गए और स्कूल प्रशासन के रवैए का विरोध किया. बाद में अभिभावक अस्पताल पहुंचे. इलाज के कुछ ही घंटे बाद सभी छात्राओं की तबियत में सुधार हुआ.

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