रोजगार के लिए मशरूम उत्पादन पर कृषि काॅलेज का जोर

तीन दिवसीय मशरूम प्रशिक्षण में बतायी गई तकनीक

By AKHILESH CHANDRA | August 12, 2025 5:25 PM

तीन दिवसीय मशरूम प्रशिक्षण में बतायी गई तकनीक

तीन दिनों के प्रशिक्षण में कई प्रखंडों के किसान शामिल

पूर्णिया. घटते हुए भूमि क्षेत्र, खाद्यान्न उत्पादन की समस्या, लोगों में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी और कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ डी आर सिंह के मार्गदर्शन में भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आगामी 14 अगस्त तक चलेगा. पूर्णिया कृषि कालेज में इसकी शुरुआत प्राचार्य सह अधिष्ठाता डॉ दिलीप कुमार महतो ने दीप जला कर किया. इस प्रशिक्षण में कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा और गोपालगंज जिले के लगभग पांच प्रखंडों से किसानों और उद्यमियों ने भाग लिया. अपने संबोधन में प्राचार्य ने कहा कि यदि 10 प्रतिशत पुआल या घास का उपयोग मशरूम उत्पादन में किया जाए तो बिहार की पूरी आबादी सप्ताह में एक बार अपने भोजन में मशरूम का उपयोग कर सकती है और राष्ट्रीय आय में करोड़ों रुपये जोड़े जा सकते हैं. प्रशिक्षण के समन्वयक डॉ. मणिभूषण ठाकुर ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कृषि अवशेषों का उपयोग करके मशरूम की खेती बिना जमीन के घर, झोपड़ी और किसी भी खाली जगह पर बहुत आसानी से की जा सकती है.

पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. अनुपम कुमारी ने कल्चर के रख-रखाव, मदर स्पान उत्पादन की तैयारी एवं ऑयस्टर मशरूम उत्पादन तकनीक के बारे में बताया. इसके साथ ही कम लागत वाले खेतों को डिजाइन करने और स्थापित करने के लिए किसानों द्वारा की जाने वाली लागत और लाभ पर भी चर्चा की गई. मौके पर डॉ. जर्नादन प्रसाद, डॉ. आशीष रंजन, डॉ. अनुपम कुमारी, डॉ. अभिनव कुमार, डॉ. जय प्रकाश, डॉ. नुदरत एवं डॉ. प्रीति सुंदरम आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन डॉ. मणिभूषण ठाकुर ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुपम कुमारी ने किया.

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