आंगनबाड़ी केंद्र पर अन्नप्रासन माताओं को बताया गया, कैसे लें अनुपूरक आहार

पूर्णिया : जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित अन्नप्रासन कार्यक्रम में माताओं को बच्चों के संपूर्ण देखभाल की जानकारी दी गई. इस मौके पर दो बच्चे के माताओ को 2 कटोरी एवं 2 चम्मच भी दिये गए. बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के देखभाल में बहुत सहायक है. यहां बच्चों से संबंधित सभी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2020 7:17 AM

पूर्णिया : जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित अन्नप्रासन कार्यक्रम में माताओं को बच्चों के संपूर्ण देखभाल की जानकारी दी गई. इस मौके पर दो बच्चे के माताओ को 2 कटोरी एवं 2 चम्मच भी दिये गए. बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के देखभाल में बहुत सहायक है.

यहां बच्चों से संबंधित सभी जानकारियां आसानी से प्राप्त होती है. आंगनबाड़ी सेविका द्वारा बेहतर खान-पान की सलाह गर्भवती व धातृ माताओं को दी जाती है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 के अनुसार पूर्णिया जिले में 6 माह से 8 माह तक सिर्फ 18.6 प्रतिशत बच्चे है, जिन्हें स्तनपान के साथ पर्याप्त आहार प्राप्त होता है. वही 6 माह से 23 माह के बीच कुल केवल 11.7 प्रतिशत बच्चे हैं जिन्हें पर्याप्त आहार प्राप्त होता है.
टीकाकरण के महत्व पर दिया जोर :
अन्नप्रासन के अवसर पर क्षेत्र की सेविका ने लोगों को बच्चों के टीकाकरण के संबंध की भी जानकारी दी. सेविका द्वारा बताया कि टीकाकरण बच्चों को गंभीर व घातक बीमारीयों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए दिया जाता है.
इसलिए यह बहुत जरूरी है कि लोग अपने बच्चों को सभी प्रकार के टीके अवश्य लगवाएं. अन्नप्राशन के बाद माताओं को बच्चों के साफ सफाई पर ध्यान देने, समय पर टीकाकरण करवाने आदि की भी जानकारी दी गई.
6 माह बाद बच्चों को दें अनुपूरक आहार : शहरी क्षेत्र की सीडीपीओ सरिता कुमारी ने आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 124 पर मौजूद माताओं को बतायी कि नवजात शिशुओं को पहले 6 माह तक केवल मां का दूध पिलाना चाहिए. लेकिन 6 माह के बाद से ही उन्हें हल्की मात्रा में सुपाच्य भोजन देना शुरू कर देना चाहिए.
उन भोजन में दलिया, खीचड़ी, हलवा, दाल आदि दिया जा सकता है. इससे बच्चे के विकास में तेजी आएगी व उसका स्वास्थ्य अच्छा होगा. उन्होंने यह भी बताया 6 माह बाद बच्चों को अनुपूरक आहार के साथ माताओं को स्तनपान भी जारी रखना चाहिए. उन्हें अनुपूरक आहार के प्रति बच्चों में रुझान बढ़ाने के लिए अनुपूरक आहार को स्वादिष्ट करने के संबंध में भी विस्तार से बताया गया.

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