PMCH Strike: जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरायी, आज शाम में निकालेंगे शांति मार्च

PMCH Strike: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में जूनियर डॉक्टरों का हड़ताल लगातार जारी है. डॉक्टरों के द्वारा आज शाम प्रिसिंपल ऑफिस से आरएसबी तक शांति मार्च निकाला जाएगा. मार्च में जूनियर डॉक्टर काला रिबन, पोस्टर और बैनर के साथ प्रदर्शन करेंगे.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 25, 2022 3:26 PM

PMCH Strike: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में जूनियर डॉक्टरों का हड़ताल लगातार जारी है. डॉक्टरों के द्वारा आज शाम प्रिसिंपल ऑफिस से आरएसबी तक शांति मार्च निकाला जाएगा. मार्च में जूनियर डॉक्टर काला रिबन, पोस्टर और बैनर के साथ प्रदर्शन करेंगे. हड़ताल के कारण डॉक्टरों ने सभी काम बंद कर दिये है. शनिवार को भी जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी में ताला जड़ दिया. इससे मात्र 25 प्रतिशत मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया. 1300 से अधिक मरीज बिना इलाज के ही लौट गये. हड़ताल के कारण अस्पताल में 20 से ज्यादा ऑपरेशन निरस्त कर दिये गये. इमरजेंसी और ओपीडी सेवा में बाधित हो गयी. हड़ताल से मरीज पलायन करने को मजबूर हो गये.

आइजीआइएमएस पर बढ़ा लोड

पीएमसीएच में हड़ताल से IGIMS अस्पताल में लोड बढ़ गया है. अन्य दिनों की तुलना में यहां एक हजार अधिक मरीजों की संख्या ओपीडी में दर्ज की गयी. शनिवार को हाफ टाइम ओपीडी होने के बाद भी यहां चार हजार से अधिक मरीजों का इलाज हुआ. इमरजेंसी वार्ड में भी 250 से अधिक मरीज पहुंचे. पीएमसीएच में इलाज नहीं मिलने से 50 से अधिक गंभीर मरीजों दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ा.

एमसीएच में गार्ड व परिजन भिड़े, हंगामा

पीएमसीएच में एक गार्ड व परिजनों के बीच उस समय हंगामा शुरू हो गया, जब गार्ड ने एक परिजन को अंदर जाने से रोक दिया. जानकारी के अनुसार टाटा वार्ड के सेकेंड फ्लोर पर भर्ती एक मरीज को देखने के लिए तीन परिजन एक साथ इमरजेंसी में गये. इस पर गार्ड ने रोक दिया, वहीं, परिजनों का कहना है कि गार्ड से एक परिजन को अंदर जाने के लिए कहा गया, फिर भी इजाजत नहीं मिली. हमने केवल इसका विरोध किया है.

20 पीएचसी के डॉक्टरों ने दिया है योगदान

पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ विद्यापति चौधरी ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों से लगातार अपील की जा रही है कि वह अपने काम पर लौट आएं, ताकि मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो, बावजूद वह नहीं मान रहे हैं. वहीं इलाज में मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी न हो. इसके लिए बाहर से 20 से अधिक पीएचसी के डॉक्टरों ने योगदान दिया है. अगर हड़ताल खत्म नहीं होगी, तो अभी और डॉक्टर अस्पताल में योगदान देंगे. उनके आने से मरीजों को सहूलियत होगी.

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