Bihar: बिहार चुनाव जीतने के लिए पीएम मोदी बहा रहे पसीना, एयरपोर्ट से लेकर वंदे भारत तक की दी सौगात
Bihar: प्रधानमंत्री मोदी के सामने एक बड़ा टास्क बिहार में नेतृत्व निर्माण को लेकर है. सुशील मोदी के देहांत के बाद बिहार में बीजेपी को नेतृत्व देने वाला कोई नेता उभर कर सामने नहीं आया है. समय समय पर जितने भी प्रयोग किए गए, वे बहुत सफल नहीं हुए हैं.
Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद होने में भले ही अभी भी तीन महीने से ज्यादा का वक्त है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अभी से बिहार को जीतने के मोड में आ चुके है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कश्मीर में जब 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ तो उन्होंने आतंकियों और देश को संदेश देने के लिए बिहार की धरती को चुना. यहां उन्होंने 24 अप्रैल को मधुबनी से देश को संबोधित करते हुए कहा कि पहलगाम में आतंकी हमला करने वाले आतंकियों और उनके मददगारों को वह छोड़ेंगे नहीं. इसके बाद 7 मई को भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारा था.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद फिर बिहार आए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी बिहार चुनाव को कितनी गंभरीता से ले रहे हैं इसका अंदाजा उस वक्त भी लगा, जब प्रधानमंत्री मोदी ऑपरेशन सिंदूर के बाद 29 मई को बिहार के दौरे पर आएं. इस दौरान उन्होंने बिहार की राजधानी पटना में पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्धाटन किया. इसके बाद 30 मई को सासाराम में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने फिर से यहां पर मौजूद लोगों को बताया कि उनकी सरकार आतंकियों पर रहम नहीं करती है. देश पर आगे ऐसा किसी आतंकी ने हमला करने की कोशिश की तो वह उन्हें जमीन में गाड़ देंगे.
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20 दिन के भीतर तीसरी बार बिहार आए प्रधानमंत्री
इन सबके बीच प्रधानमंत्री 20 जून को तीसरी बार बिहार आए. इस दौरान उन्होंने बिहार वंदे भारत ट्रेन के साथ ही बिहार को करीब 6 हजार करोड़ की सौगात दी. इस बार वह चुनावी मोड में नजर आ रहे थे और उन्होंने बिहार की दो बड़ी विपक्षी पार्टियों राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहारी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करते, लेकिन इन दोनों पार्टियों के शासन के दौरान बिहारियों को बार-बार अपने स्वाभिमान से समझौता करना पड़ा.
