Durga Puja 2025: पटना में केवल इतने पूजा समितियों को मिलेगा लाइसेंस, मूर्ति विसर्जन के लिए तय किए जाएंगे रास्ते
Durga Puja 2025: पटना जिले में लगभग 1,400 पूजा समितियों को इस साल दुर्गापूजा आयोजित करने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा. यह कदम इस त्योहार को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से मनाने के लिए उठाया गया है. लाइसेंस देने के साथ-साथ मूर्ति विसर्जन के लिए रास्ता भी तय किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं और आसपास के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
Durga Puja 2025: पटना जिले में इस साल लगभग 1,400 पूजा समितियों को दुर्गापूजा करने का लाइसेंस मिलेगा. लाइसेंस सिर्फ उन्हीं पंडालों को दिया जाएगा जो सुरक्षा नियमों के अनुसार सही हैं, जैसे पंडाल की ऊंचाई, सीसीटीवी कैमरा और बिजली के खंभे सही स्थिति में होनी चाहिए. पुलिस हर पंडाल का निरीक्षण करेगी. जिन समितियों को लाइसेंस मिलेगा, उन्हें मूर्ति विसर्जन का रास्ता भी दिया जाएगा. पंडाल और आसपास की बिजली ठीक की जा रही है ताकि कोई हादसा न हो. इसके अलावा, पुलिस और समितियों की बैठकें भी होंगी ताकि पूजा के दौरान सुरक्षा और शांति बनी रहे.
इतने समितियों ने किया है आवेदन
इस साल लगभग 2,000 से ज्यादा समितियों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. हालांकि, लाइसेंस सिर्फ उन पूजा पंडालों को दिया जाएगा जो सुरक्षा के अनुसार सही पाए जाएंगे. सुरक्षा के नजरिए से पंडाल की ऊंचाई, सीसीटीवी कैमरे, बिजली के खंभों की स्थिति और अन्य सुरक्षा उपाय शामिल हैं. प्रत्येक पंडाल का निरीक्षण संबंधित थाने की पुलिस द्वारा किया जाएगा.
मूर्ति विसर्जन के लिए दिए जाएंगे रास्ते
लाइसेंस प्राप्त समितियों को मूर्ति विसर्जन के लिए रास्ता भी दिया जाएगा. इसके लिए पुलिस पदाधिकारी और समिति के पदाधिकारियों के बीच संपर्क स्थापित किया जाएगा. इससे पूरे आयोजन के दौरान भीड़ और ट्रैफिक का सही प्रबंधन किया जा सकेगा.
बिजली और सुरक्षा पर पूरा ध्यान
दुर्गापूजा के दौरान पंडालों और आसपास के इलाकों में बिजली की आपूर्ति सुरक्षित और लगातार जारी रहे, इसके लिए रखरखाव का काम शुरू कर दिया है. 33 केवी और 11 केवी फीडर की जांच की जा रही है, ढीले तार ठीक किए जा रहे हैं और ट्रांसफॉर्मर और ब्रेकर की स्थिति भी जांची जा रही है. पंडाल के ऊपर और आसपास की लाइनें सुरक्षित बनाई जा रही हैं ताकि किसी को करंट का खतरा न हो.
पंडालों पर रखी जाएगी कड़ी निगरानी
लाइसेंस प्राप्त समितियों के साथ अगले हफ्ते से शांति और सुरक्षा को लेकर बैठकें भी की जाएंगी. पुलिस और समिति के पदाधिकारी मिलकर पंडालों की निगरानी करेंगे. इससे त्योहार के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित होगी और सभी श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से पूजा में शामिल हो सकेंगे.
