होली से पहले बिहार में होगा बड़ा सियासी मिलन, जानें किस दिन उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का जदयू में होगा विलय

उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी (Upendra kushwaha party) रालोसपा का अब जदयू में विलय लगभग तय माना जा रहा है. सियासी गलियारे में यह चर्चा तेज हो चुकी है कि इसी माह मार्च में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) का जदयू में विलय हो जायेगा. एक बार फिर अब उपेन्द्र कुशवाहा अपने मुख्य पार्टी में वापसी कर लेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आगामी 14 मार्च को रालोसपा (rlsp party) का जदयू में विलय हो जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2021 12:27 PM

उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी (Upendra kushwaha party) रालोसपा का अब जदयू में विलय लगभग तय माना जा रहा है. सियासी गलियारे में यह चर्चा तेज हो चुकी है कि इसी माह मार्च में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) का जदयू में विलय हो जायेगा. एक बार फिर अब उपेन्द्र कुशवाहा अपने मुख्य पार्टी में वापसी कर लेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आगामी 14 मार्च को रालोसपा (rlsp party) का जदयू में विलय हो जायेगा. हालांकि अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 14 मार्च को रालोसपा अपने पुराने घराने यानि जदयू में शामिल हो जायेगी. इसके साथ ही रालोसपा का अस्तित्व सदा के लिए समाप्त हो जायेगा. पिछले कुछ समय से इसकी प्रबल संभावना देखी जा रही है. वहीं इस तरफ राजनीतिक गलियारों में हलचलें भी तेज हो गई है. जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह इस मामले पर खुलकर सामने भी आ चुके हैं.

बता दें कि जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पार्टी के वरिष्ठ सदस्य वशिष्ठ नारायण सिंह से शनिवार को रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा की मुलाकात भी हुई थी. वशिष्ठ नारायण सिंह ने मीडिया से बात करते हुए स्पस्ट रुप से इस बात को कहा भी था कि रालोसपा का जदयू में विलय संभव है. उन्होंने उपेन्द्र कुशवाहा को एक धारा का ही साथी बताया और कहा कि उन्होंने बताया कि कुशवाहा भी इसी विचारधारा के साथी हैं और इस विषय पर लगातार उनसे बात-चीत चल रही है.

वहीं दूसरी तरफ आरएलएसपी के प्रदेश महासचिव विनय कुशवाहा के नेतृत्‍व में पार्टी के 40 अन्‍य नेताओं ने एक साथ इस्‍तीफा दे दिया. इस्‍तीफा देने का कारण बताते हुए विनय कुशवाहा ने आरएलएसपी अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर गंभीर आरोप लगाये हैं और कहा कि अपने स्वार्थ के लिए उन्होंने पार्टी को बेच दिया.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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