परिवहन विभाग सिखायेगा बायीं ओर की ड्राइविंग, चार शहरों में खुलेगा ड्राइविंग आवसीय प्रशिक्षण केंद्र
नये साल में बिहार के लोग विदेशों मे ंचलने वाली बायीं ओर की स्टेयरिंग वाली गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण ले सकेंगे.
– महिलाओं के लिए केंद्र होगा अलग, विदेशों में गाड़ी चलाने का गुर सीखेंगे बिहारी – नये साल युवाओं को मिलेगा विदेशों में कैरियर बनाने का प्रशिक्षण – एक केंद्र पर 20 करोड़ खर्च होगा, 17 करोड़ केंद्र सरकार से मिलेगा संवाददाता, पटना नये साल में बिहार के लोग विदेशों मे ंचलने वाली बायीं ओर की स्टेयरिंग वाली गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण ले सकेंगे. परिवहन विभाग विदेशों में चलने वाली गाड़ियों की तर्ज पर बायीं साइड (छोड़) के स्टेयरिंग चालकों को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है. इससे बिहार के लोगों को विदेशों में गाड़ी चलाना संभव हो सकेगा. साथ विदेशों में ड्राइवर की नौकरी अच्छे वेतन पर हो सकेगी.पटना के अलावा विभाग ने नये साल में मोतिहारी, सुपौल, नालंदा और बांका में आवासीय प्रशिक्षण केंद्र खोलने का निर्णय लिया है. बिहार में पहली बार लेफ्ट साइड स्टेरिंग ट्रैक, जनवरी से शुरू होगा काम विभाग नये साल में पहली बार लेफ्ट साइड स्टेरिंग ट्रैक बनायेगा.यहां वैसे युवाओं को ट्रेनिंग मिलेगी, जो विदेशों में ड्राइविंग में नौकरी पाना चाहते है.विभाग के स्तर पर इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. जनवरी से इस ट्रैक को बनाने का काम शुरू हो जायेगा.विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बिहार के युवकों का ड्राइविंग की ओर झुकाव बढ़ा हैं, लेकिन यहां ड्राइविंग में कैरियर बनाने में बहुत आमदनी नहीं होती है. ऐसे युवक विदेश में जाकर काम करना चाहते है. लेकिन विदेशों में गाड़ियों की स्टेरिंग लेफ्ट में होती है और भारत में राइट साइड.इस कारण परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि बिहार में भी लेफ्ट साइड स्टेरिंग ट्रैक बनाया जाये. पटना सहित अन्य जिलों में होगा प्रशिक्षण, एक केंद्र पर 20 करोड़ होगा खर्च विभाग के मुताबिक पटना सहित अन्य जिलों में धीरे-धीरे लेफ्ट साइड स्टेरिंग ट्रैक बनाया जायेगा. अभी पटना और औरंगाबाद में आवासीय प्रशिक्षण केंद्र खुला हुआ है. एक अनुमान है कि एक केंद्र पर 20 करोड़ खर्च होंगे.इसमें से 17 करोड़ केंद्र सरकार से मिल जायेंगे. आवसीय प्रशिक्षण केंद्र खुलने से चालकों को यातायात नियमों की पूरी जानकारी के साथ प्रशिक्षण दिया जायेगा जिससे भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी. प्रशिक्षण के लिए विशेष ट्रेनर रहेंगे. महिलाओं के समर्पित होगा एक केंद्र राज्यभर में जब सभी छह आवसीय चालक प्रशिक्षण केंद्र चालू हो जाएंगे तो उसमें से किसी एक में केवल महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा. पटना सहित राज्य के अन्य शहरों में महिलाओं के लिए पिंक बस का परिचालन हो रहा है. इसका भविष्य में अन्य शहरों में भी विस्तार होना है. विभाग पिंक बस के लिए महिला चालक की तलाश विभाग कर रहा है. कई पिंक बसों को पुरुष चालक ही चला रहे है. महिलाओं के समर्पित प्रशिक्षण केंद्र होने से पिंक बसों का परिचालन आसान होगा. महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा.
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