नगर निगमों में बंटेगा नगर आयुक्त का काम

बिहार सरकार ने नगर निगमों में प्रशासनिक कार्यक्षमता और योजनाओं की गुणवत्ता को सुधारने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी तेज कर दी है.

By RAKESH RANJAN | September 9, 2025 9:03 PM

संवाददाता, पटना बिहार सरकार ने नगर निगमों में प्रशासनिक कार्यक्षमता और योजनाओं की गुणवत्ता को सुधारने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी तेज कर दी है. नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने 18 जिलों से प्रस्ताव मांगा है कि नगर निगमों को कैसे अंचलों में विभाजित किया जा सकता है. विभागीय सचिव अभय कुमार सिंह ने जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में स्पष्ट किया है कि नगर निगमों का दायरा तेजी से बढ़ा है और वार्डों में चल रही योजनाओं की मॉनिटरिंग नगर आयुक्त अकेले नहीं कर पा रहे हैं. इसके कारण साफ-सफाई, जल आपूर्ति, कूड़ा उठाव, ड्रेनेज और स्ट्रीट लाइट जैसी बुनियादी सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. आपदा प्रबंधन जैसे बाढ़, लू और जलजमाव की चुनौती भी निगमों पर अतिरिक्त दबाव डालती है. सरकार का मानना है कि विकेंद्रीकरण से नगर निगमों की कार्यक्षमता में सुधार होगा और तेजी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा किया जा सकेगा. साथ ही अधिकारियों के बीच जिम्मेदारियां बांटकर पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी. इन जिलों से डीएम से मांगे हैं प्रस्ताव नालन्दा, भोजपुर, रोहतास, मुजपफरपुर , सीतामढ़ी, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, मुंगेर, गया जी, पूर्णिया, कटिहार, सारण, दरभंगा मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, भागलपुर, सहरसा. अंचल गठन से बढ़ेंगे रोजगार नगर निगम क्षेत्रों में अंचल गठन की कवायद से न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी बल्कि रोजगार और पद सृजन की नई संभावनाएं भी बनेंगी. अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही प्रस्ताव पर अमल होगा, अलग-अलग अंचलों में नये प्रशासनिक पदों की जरूरत होगी. नगर प्रबंधक से लेकर निरीक्षण पद तक नयी जिम्मेदारियां सृजित होंगी. इससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं. साथ ही, प्रत्येक अंचल में स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की शक्ति बढ़ेगी. इसका सीधा असर योजनाओं के क्रियान्वयन की गति पर पड़ेगा.

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