Sultanganj Airport Survey: सुलतानगंज एयरपोर्ट के लिए फिर होगा सर्वे, उम्मीद और अनिश्चितता के बीच सिल्क सिटी

Sultanganj Airport Survey: भागलपुर की जनता दशकों से हवाई सुविधा की आस लगाए बैठी है, लेकिन हर बार उम्मीदें अधूरी रह जाती हैं। अब एक बार फिर सुलतानगंज में प्रस्तावित एयरपोर्ट स्थल का सर्वे शुरू होने जा रहा है.

By Pratyush Prashant | August 31, 2025 9:51 AM

Sultanganj Airport Survey: सिल्क सिटी भागलपुर में एयर कनेक्टिविटी की मांग लंबे समय से उठती रही है. विधानसभा में इस मुद्दे को बार-बार उठाया गया, मंत्रियों ने आश्वासन भी दिया, लेकिन जमीन पर ठोस प्रगति नहीं हो पाई. इस बीच, अब सुलतानगंज एयरपोर्ट निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल का एक और सर्वे कराया जाने की तैयारी है.

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की टीम सितंबर के पहले सप्ताह में भागलपुर पहुंचेगी और तकनीकी जांच करेगी.

एएआई टीम करेगी सर्वे

भागलपुर और आसपास के जिलों में हवाई सुविधा की कमी को दूर करने की कोशिशें कई बार तेज हुईं और फिर धीमी पड़ गईं. स्थानीय लोग अब इसे राजनीतिक आश्वासन और सरकारी घोषणाओं तक सीमित मानने लगे हैं. बावजूद इसके, हाल ही में मंत्रिमंडल सचिवालय (वायुयान संगठन) ने सुलतानगंज के प्रस्तावित स्थल पर सर्वे की मंजूरी दे दी है.

इस सर्वे पर करीब 90 लाख 91 हजार 720 रुपये खर्च किए जाएंगे. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की टीम दो से नौ सितंबर के बीच जिले में पहुंचेगी और स्थल का निरीक्षण करेगी. जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि अभी तक उन्हें लिखित जानकारी नहीं मिली है, लेकिन टीम का आना तय है.

सर्वेक्षण का उद्देश्य उन सभी अवरोधों की पहचान करना है जो विमानों की उड़ान या लैंडिंग में रुकावट डाल सकते हैं. इनमें ऊंची इमारतें, पेड़-पौधे, टावर, बिजली के खंभे, पहाड़ या अन्य संरचनाएं शामिल हैं. रिपोर्ट आने के बाद इन्हें हटाने की कार्यवाही की जाएगी. यही नहीं, सर्वे पूरा होने के बाद मास्टर प्लान में आवश्यक बदलाव भी किए जाएंगे.

प्रस्तावित जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक

सुलतानगंज में हवाई अड्डा निर्माण के लिए प्रस्तावित जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है. मसदी, नोनसर, राजगंज, कसवा, सूजापुर और मंझली गांवों में कुल मिलाकर 1000 एकड़ से अधिक जमीन चिह्नित की गई है. प्रशासन ने इस पर पहले ही रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे ताकि किसी भी प्रकार की अड़चन भविष्य में न आए.

यह पूरी कवायद पिछले साल विधानसभा में उठे सवाल और सरकार के आश्वासन के बाद शुरू हुई. 31 मार्च 2023 को गैर-सरकारी संकल्प जारी किया गया था. इसके आधार पर सिविल एविएशन निदेशालय ने फरवरी 2024 में जिला प्रशासन को 475 एकड़ भूमि चिह्नित कर रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया.

जिला प्रशासन ने पहले गोराडीह और अकबरनगर में जमीन चिह्नित की थी. अकबरनगर की जमीन पर बाढ़ का खतरा होने के कारण इसे खारिज कर दिया गया. गोराडीह का प्रस्ताव भी बाद में रद्द हो गया और अंततः सुलतानगंज का चयन किया गया. यहां देवघर-भागलपुर मार्ग के पास 855 एकड़ जमीन को हवाई अड्डा निर्माण के लिए उपयुक्त माना गया.

कई वर्षों से बार-बार होता रहा है सर्वे

सड़क मार्ग से जुड़ाव को लेकर भी अध्ययन किया जा चुका है। प्रस्तावित स्थल सुलतानगंज मुख्यालय से 6 किलोमीटर, भागलपुर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर, मुंगेर से 34 किलोमीटर, बांका से 57 किलोमीटर और देवघर से 126 किलोमीटर की दूरी पर है. इसके अलावा कटिहार, पूर्णिया, जमुई, खगड़िया और साहिबगंज जैसे जिलों से भी इसकी दूरी अपेक्षाकृत कम है.

स्थल की स्थिति गंगा नदी से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर है, जिसे एक सकारात्मक पहलू माना जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह प्रोजेक्ट साकार होता है तो पूरा अंग प्रदेश हवाई नक्शे पर मजबूती से दर्ज होगा. व्यापार, पर्यटन और उद्योग के लिए नई संभावनाएं पैदा होंगी.

फिर भी, स्थानीय लोग सतर्क आशावाद की स्थिति में हैं. उनका कहना है कि पिछले कई वर्षों से बार-बार सर्वे और प्रस्ताव की बातें होती रही हैं, लेकिन हवाई अड्डे का सपना अब तक अधूरा है. इसीलिए वे इस बार भी वादों के बजाय वास्तविक काम पर निगाहें गड़ाए हैं.

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