छात्र रालोजपा में बढ़ी उथल-पुथल! प्रदेश अध्यक्ष पवन वर्मा ने दिया इस्तीफा, आकाश यादव के समर्थन में उठाया कदम

Bihar Politics: छात्र राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी में भीतरघात तेज हो गया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष आकाश यादव को निष्कासित किए जाने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष पवन वर्मा ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे में आकाश यादव के समर्थन में यह कदम उठाने की बात कही है.

By Abhinandan Pandey | May 31, 2025 9:31 PM

Bihar Politics: छात्र राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) में एक और बड़ा झटका सामने आया है. छात्र रालोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पवन वर्मा ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पवन वर्मा का यह फैसला छात्र इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष आकाश यादव को पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद आया है.

पवन वर्मा ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि, “राष्ट्रीय अध्यक्ष आकाश यादव को बिना ठोस कारण के निष्कासित किया गया. यह निर्णय न केवल अनुचित है, बल्कि पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक मूल्यों को भी ठेस पहुंचाता है. हम आकाश यादव के साथ खड़े हैं और उनके समर्थन में पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है.”

छात्र रालोजपा में बढ़ी उथल-पुथल! प्रदेश अध्यक्ष पवन वर्मा ने दिया इस्तीफा, आकाश यादव के समर्थन में उठाया कदम 2

आकाश यादव के निष्कासन पर समर्थकों में है नाराजगी

बताते चलें कि हाल ही में छात्र रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आकाश यादव को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस फैसले को ‘संगठनात्मक मजबूरी’ बताया था, लेकिन यादव समर्थक नेताओं में इसको लेकर गहरी नाराजगी है.

आगे भी कई छात्र नेता दे सकते हैं इस्तीफा

छात्र इकाई में लगातार बढ़ती असहमति और नेतृत्व को लेकर खींचतान अब सतह पर आ चुकी है. सूत्रों की मानें तो पवन वर्मा के इस्तीफे के बाद कई और छात्र नेता भी इस्तीफा दे सकते हैं. यह घटनाक्रम आगामी छात्र संगठन चुनावों और पार्टी की युवा इकाई की ताकत पर असर डाल सकता है.

पार्टी ने कर्मठ नेता के साथ किया अन्याय

इस्तीफे के बाद पवन वर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “पार्टी ने एक कर्मठ और ईमानदार नेता के साथ अन्याय किया है. मैं उस अन्याय में भागीदार नहीं बन सकता. मेरा ये कदम संगठन में लोकतंत्र और पारदर्शिता की बहाली की लड़ाई का हिस्सा है.” इस घटनाक्रम के बाद छात्र रालोजपा में नेतृत्व संकट गहराता दिख रहा है. अब देखना होगा कि पार्टी इस भीतरघात से कैसे उबरती है और संगठन में स्थिरता कैसे कायम करती है.

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