सड़क दुर्घटना रोकने के लिए तैयार होगी एसओपी
बिहार में एक दर्जन से अधिक ऐसे जिले हैं, जहां सड़क दुर्घटनाएं अब अधिक होती हैं.
प्रह्लाद कुमार , पटना
बिहार में एक दर्जन से अधिक ऐसे जिले हैं, जहां सड़क दुर्घटनाएं अब अधिक होती हैं. ऐसे सभी इलाकों के लिए भी जिलावार एसओपी बनेगी, इसके माध्यम से सड़क सुरक्षा अभियान को बेहतर ढंग से लागू करते हुए दुर्घटनाओं के ऊपर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जा सके. पूर्व के आंकड़ों के मुताबिक जहानाबाद, पटना व रोहतास सहित सभी जिलों में पूर्व के वर्षों से अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं. रिपोर्ट में खगड़िया में दुर्घटना के बाद मरने वालों की संख्या सबसे अधिक बतायी गयी है. साथ ही , अररिया, जहानाबाद, किशनगंज, सहरसा व पटना में दुर्घटना के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ी है. सहरसा ,पटना, कैमूर, नवगछिया, नवादा, मुंगेर व शेखपुरा में अधिक दुर्घटनाएं होती हैं. इन इलाकों दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अलग-अलग तरीके से एसओपी तैयार होगी, ताकि दुर्घटनाओं के कारण को दुरुस्त करने में कोई परेशानी नहीं हो. मार्च तक एसओपी तैयार करने का निर्देश दिया गया है. बिहार में हिट एंड रन और ओवरटेक के माध्यम से सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती है. विभाग इसको लेकर काम करती है कि हिट एंड रन का मामला कम से कम हो, लेकिन इसमें कमी नहीं आ रही है.विभाग ने सभी जिलों को डीटीओ से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है कि हिट एंड रन मामले में कमी क्यों नहीं आ रही है. इस मामले को रोकने के लिए सड़कों पर किस तरह की सख्ती बढ़ाने की जरूरत है.इसको लेकर जिलों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में काम को आगे बढ़ाया जायेगा. रोड सेफ्टी के आंकड़ों के मुताबिक राज्य के छह ऐसे एनएच हैं,जहां पर सड़क दुर्घटनाएं होने के बाद लोग इलाज के दौरान मर रहे हैं. यानी दुर्घटनाएं अति गंभीर होने के कारण कई लोगों की मौत दुर्घटना के वक्त हो रही है. साथ ही, कई लोगों की मौत इलाज के दौरान हो रही है. ऐसे इलाकों को तकनीकी टीम के माध्यम से चिह्नित करने हुए काम किया जायेगा. यहां सड़क सुरक्षा के तहत सभी विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त रूम बनाकर काम करने की नीति बनायी जायेगी.
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