छोटी-छोटी खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने में ओबीसी युवा सबसे आगे
प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइज (पीएमएफएमइ) स्कीम में खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आवेदक सबसे आगे हैं.
-पीएमएफएमइ योजना में बिहार के पटना,समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, गया और वैशाली सबसे आगे -योजना में ओबीसी की हिस्सेदारी 67.54%, सामान्य वर्ग की 18.42% और अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 12.98 % राजदेव पांडेय ,पटना प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइज (पीएमएफएमइ) स्कीम में खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आवेदक सबसे आगे हैं. आवेदकों में युवा सबसे आगे हैं. इस योजना के तहत बिहार में अब तक आये आवेदनों में सबसे ज्यादा 67.54 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग के हैं. इसके बाद आवेदनों में सामान्य वर्ग की हिस्सेदारी 18.42 प्रतिशत है. अनुसूचित जाति के आवेदकों की संख्या कुल में से 12.98 फीसदी है. हैरत की बात है कि बिहार के आदिवासी वर्ग के लोगों ने अभी तक कोई आवेदन नहीं दिये हैं. आधिकारिक जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-2026 में बिहार के 3007 आवेदकों को लोन बांटे गये. इस दिशा में अभी काम चल रहा है. हालांकि इससे पहले 2024-2025 में 7167 और 2023-2024 में 7387 लोगों को लोन बांटे गये थे. बता दें कि इस योजना की शुरुआत बिहार में 2020-2021 में हुई थी. तब से लेकर 2025-2026 में 20 नवंबर तक कुल 86899 आवेदन आये. इनमें से कुल आवेदनों का करीब 27 फीसदी से अधिक 27957 आवेदन स्वीकार किये गये. इनमें से 18893 आवेदको को लोन बांटे जा चुके हैं. यह कुल आवेदनों का 22 फीसदी ही है. कायदे में देखा जाये तो आये कुल आवेदकों में से 22 फीसदी आवेदनों पर लोन वितरण बहुत उत्साहजनक प्रदर्शन माना जा सकता है. बिहार दूसरे राज्यों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. पीएमएफएमइ योजना में यूं तो बिहार के सभी जिले अच्छा कर रहे हैं,लेकिन इसमें पांच जिलों का प्रदर्शन लोन वितरण में सबसे बेहतर है. इसे कुछ यूं समझा जा सकता है. जिला- बांटे गये लोन पटना- 2386 समस्तीपुर-1412 मुजफ्फरपुर-1333 गया-1133 वैशाली – 1132 —————————– पीएमएफएमइ योजना क्या है और उसके फायदे? यह भारत सरकार की एक योजना है जो छोटे खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करती है. इस योजना के तहत, व्यवसायों को पीएमएफएमई सब्सिडी मिलती है. यह अनुदान कुल परियोजना लागत का 35% (अधिकतम 10 लाख रुपये) कवर करता है. उदाहरण के लिए 20 लाख रुपये की लागत वाली एक परियोजना पर विचार करें. पीएमएफएमइ योजना के तहत परियोजना लागत का 35%, यानी 7 लाख, सब्सिडी के रूप में कवर किया जाता है.
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