NMCH के लापता डॉक्टर का 22 दिनों में भी नहीं मिला कोई सुराग, बहनोई के लिए शेखर सुमन ने की सीबीआई जांच की मांग

शेखर सुमन ने डॉक्टर बहनोई की बरामदगी के लिए सीबीआइ जांच की मांग कर दी है. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से उन्हाेंने गुहार लगायी है. उन्हाेंने कहा कि अगर वक्त मिलेगा, ताे मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और डीजीपी से भेंट करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2023 11:06 PM

एनएमसीएच के लापता डॉक्टर संजय कुमार पिछले 22 दिनों से लापता हैं और अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है. इतने दिनों के बाद भी जब डॉक्टर संजय का पता नहीं चला, तो फिल्म स्टार शेखर सुमन पटना पहुंचे हैं. डॉक्टर संजय कुमार रिश्ते में शेखर सुमन के चचेरे बहनोई लगते हैं. इस मामले में शेखर अपनी चचेरी बहन डॉ संजय की पत्नी प्रो सलोनी से इस घटना में लगातार जानकारी ले रहे थे.

22 दिन से पूरा परिवार परेशान

बुधवार को होटल मौर्या में शेखर सुमन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है. शेखर सुमन ने बहन व उनके बच्चाें से मुलाकात भी की है. शेखर ने कहा कि मुझे पटना पुलिस पर पूरा भरोसा है. शेखर ने कहा कि पुलिस को चाहिए कि परिवार को हमेशा अपडेट करते रहे. केवल भरोसा दे रही है. भरोसा से कब तक काम चलेगा. अगर वे कहीं चले गये, ताे कहां चले गये, 22 दिन से पूरा परिवार परेशान है.

अगर खुदकुशी की, तो शव क्यों नहीं मिला

हजाराें केस का खुलासा कर चुकी है पर डाॅ संजय के मामले में पुलिस अब तक यह नहीं बता सकी है कि वे कहां हैं? क्या उन्हाेंने खदकुशी कर ली? अगर आत्महत्या की, ताे फिर उनका शव क्याें नहीं मिला? अगर अपहरण हुआ, ताे फिर फिराैती क्याें नहीं मांगी गयी? 22 दिनों के बाद भी पुलिस यह नहीं बता पा रही है कि वे किसी गुमनाम स्थान पर चले गये?

सीबीआइ जांच की मांग

शेखर ने डॉक्टर बहनोई की बरामदगी के लिए सीबीआइ जांच की मांग कर दी है. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से उन्हाेंने गुहार लगायी है. उन्हाेंने कहा कि अगर वक्त मिलेगा, ताे मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और डीजीपी से भेंट करेंगे. वक्त गुजरता जायेगा ताे फिर वह ठंडे बस्ते में चला जायेगा.सिने स्टार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस की जांच पर कई सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने कहा कि गांधी सेतु जैसे लंबे पुल पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर पुल पर कैमरा हाेता, ताे सब कुछ पता चल जाता.

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पुलिस की जांच पर सवाल

  • जब उनकी कार पुल पर मिली थी, ताे उसी वक्त पुलिस ने कार की एफएसल जांच क्याें नहीं करायी.

  • माेबाइल पहली मार्च काे रात दाे बजे तक काम कर रहा था. यह कैसे संभव है.

  • बहनाेई से किसी की दुश्मनी नहीं थी, परिवार में काेई विवाद नहीं, ताे फिर क्या हुआ.

  • कहीं ऐसा ताे नहीं कि काेई इन्हें ब्लैकमेल कर रहा था या उन्हें काेई डरा रहा था.

  • वे परीक्षा नियंत्रक के पद पर थे.उनपर किसी का काेई दबाव ताे नहीं था.

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