बिहार में सीनियर प्रोफेसर बनने का रास्ता साफ, 2018 की यूजीसी गाइडलाइन के तहत होंगे प्रोमोशन

बिहार के सभी 15 विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों में पदोन्नति अब 18 जुलाई, 2018 की यूजीसी गाइड लाइन के तहत दी जायेगी. इसके तहत पदोन्नति देने के लिए बुधवार को राजभवन ने करियर एडवांसमेंट स्कीम परिनियम को हरी झंडी दे दी है.

By Prabhat Khabar | July 6, 2022 7:35 AM

पटना. बिहार के सभी 15 विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों में पदोन्नति अब 18 जुलाई, 2018 की यूजीसी गाइड लाइन के तहत दी जायेगी. इसके तहत पदोन्नति देने के लिए बुधवार को राजभवन ने करियर एडवांसमेंट स्कीम परिनियम को हरी झंडी दे दी है. नये प्रावधान के तहत बिहार के पारंपरिक विश्वविद्यालयों में सीनियर प्रोफेसर नाम का पद बनाया गया है. हालांकि इसके लिए केवल प्रोफेसर ही पात्र होंगे. जिन्होंने प्रोफेसर पद पर रहते हुए कम-से-कम दो लोगों को पीएचडी करायी हो, उन्हें सीनियर प्रोफेसर बनने का अवसर मिलेगा.

पुरानी गाइड लाइन से प्रमोशन पाने के हकदार होंगे

नये परिनियम के अनुसार बिहार के विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों में अब पदोन्नति का आधार कक्षा की पढ़ाई के अनुभव के अलावा स्तरीय अनुसंधान और उच्च शिक्षा से जुड़ी बहु आयामी गतिविधियों में भाग लेना रहेगा. अधिसूचना के मुताबिक बिहार में यह स्टेच्यूट 18 जुलाई ,2018 से ही प्रभावी होगा. हालांकि मंजूर की गयी कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत व्यवस्था दी गयी है कि 18 जुलाई 2018 से पांच जुलाई, 2022 के बीच बिहार के विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों में प्रमोशन की पात्रता रखने वाले शिक्षक पुरानी गाइड लाइन से प्रमोशन पाने के हकदार होंगे.

नयी स्कीम के तहत भी प्रमोशन

इसके साथ ही उन्हें विकल्प दिया गया है कि वह नयी स्कीम के तहत भी प्रमोशन पाने के हकदार होंगे. हालांकि नयी स्कीम के तहत वह सीनियर प्रोफेसर नहीं बन सकेंगे. इसके अलावा इस परिनियम से 18 जुलाई 2018 से पहले के प्रमोशन पूरी तरह अप्रभावित रहेंगे. इसके अलावा तमाम कमेटियों के गठन के संदर्भमें भी गाइडलाइन तय हुई है. विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के मूल्यांकन के लिए पद्धति भी तय की गयी है. रिसर्च पेपर के ग्रेड और अंक भी तय की गयी है.

करियर एडवांसमेंट स्कीम मंजूर, शिक्षकों के ऐसे होंगे प्रोमोशन

सहायक प्राध्यापक पे लेवल 10 से पे लेवल 11 के प्रमोशन के लिए- सहायक प्राध्यापक को पीएचडी के साथ चार साल की सर्विस अथवा पांच साल की सर्विस के साथ प्रोफेशनल कोर्स में एमफिल या पीजी होना जरूरी होगा. प्रोफेशनल कोर्स में एलएलएम, एम टेक , एमवीएससी ,एमडी शामिल होंगे. अगर सहायक प्राध्यापक पीएचडी/ एमफिल/प्रोफेशनल कोर्स में पीजी नहीं हो तो उसे 21 दिन का शिक्षण पद्धति में ऑरिएंटेशन कोर्स व अन्य अहर्ताएं जरूरी होंगी. सबसे अहम यह होगा कि यूजीसी लिस्टेड जर्नल में रिसर्च पेपर भी प्रकाशित होना चाहिए. पहला प्रमोशन बिना पीएचडी सशर्त ही संभव हो सकेगा.

जानिए शर्तों के बारे में..

  1. सीनियर स्केल सहायक प्राध्यापक को सिलेक्शन ग्रेड लेवल 12 में प्रमोशन के लिए उसे पांच साल की सर्विस पूरी करना जरूरी है. संबंधित विषय या रिलवेंट या एलाइड विषय में पीएचडी भी करना होगा. यूजीसी में लिस्टेड जर्नल में प्रकाशन अनिवार्य.

  2. सिनियर ग्रेड लेवल 12 से अकेडमिक लेवल 13 ए में प्रमोशन के लिए तीन साल की सेवा और एक विषय में पीएचडी करना जरूरी होगा. सात रिसर्च पेपर भी प्रकाशित कराने होंगे. यह पद ऐसोसिएट प्रोफेसर का होगा.

  3. ऐसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर पद की पदोन्नति के लिए ऐसोसिएट प्रोफेसर को तीन साल की सर्विस, खुद पीएचडी होना और कम से कम एक विद्यार्थी को पीएचडी कराना अनिवार्य होगा.

  4. प्रोफेसर से सीनियर प्रोफेसर पद पर पदोन्नति के लिए अकादमिक उपलब्धियों के अलावा 10 साल की पढ़ाने का अनुभव और एक निश्चित संख्या में रिसर्च पेपर करना होगा. प्रमोशन कमेटियों में अधिकतम नौ सदस्य होने का प्रावधान किया गया हैं.

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