Bihar: सऊदी अरब जाने वाले बिहार के लोगों को सरकार ने दी बड़ी राहत, जानें क्या है मामला

Bihar news: रोजगार और नौकरी की तलाश में सऊदी अरब जाने वाले लोगों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. अब नागरिकों को वीसा के लिए पुलिस सत्यापन पत्र नहीं देना होगा. अधिक जानकारी के लिए पढ़े पूरी खबर...

By Prabhat Khabar Print Desk | November 18, 2022 8:14 PM

Bihar news: रोजगार और नौकरी की तलाश में हर साल बिहार से हजारों की तादाद में युवा सऊदी अरब जाते हैं. साऊदी जाने के लिए वीसा आवेदन के साथ पुलिस सत्यापन पत्र की जरूरत होती है. लेकिन रिपोर्ट लेने के लिए काफी माथापच्ची करनी पड़ती है. कई बार तो जानकारी के अभाव में लोगों को अपनी जेब भी ढीली करनी पड़ती है.

सऊदी सरकार ने दी बड़ी राहत

रोजगार और नौकारी के लिए सऊदी जाने वाले बिहार समेत अन्य प्रदेश के लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए अहब सऊदी सरकार ने बड़ी राहत दी है. अब अरब जाने के लिए पहले पुलिस रिपोर्ट नहीं देने होगी. सऊदी अरब की सरकार ने इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया है.

भारतीय दूतावास ने दी जानकारी

सऊदी सरकार के इस निर्णय के बारे में भारत में साऊदी अरब के दूतावास ने दी है. दूतावास ने जनकारी देते हुए बताया कि भारत और साऊदी के बीच सशक्त संबंधों व रणनीतिक साझीदारी के मद्देनजर शाही सरकार ने रोजगार के लिए आने वाले भारतीय नागरिकों को वीसा देने के लिए पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र देने से छूट देने के निर्णय लिया है. अब किसी भी नागरिक को साऊदी अरब जाने के लिए सत्यापन यानी पीसीसी पत्र देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

दोनों देश के संबंध होंगे मजबूत

दूतावास ने इस मामले को लेकर कहा कि यह निणय दोनों देशों के संबंध और मजबूत करने के लिए लिया गया है. दूताबास ने साऊदी अरब में शांति पूर्ण ढंग से रहने वाले 20 लाख से अधिक भारतीय नागरिकों को योगदान की सराहना की है.

बिहार से हर साल हजारों लोग जाते हैं सऊदी

गौरतलब है कि हार से हजारों लोग हर साल सऊदी अरब में नौकरी और रोजगार के लिए जाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक बिहार के गोपालगंज गोपालगंज की तकरीबन 80 फीसदी और पड़ोसी जिले सिवान की स्थानीय अर्थव्यवस्था विदेश से आ रहे पैसे पर टिकी है. बिहार आप्रवासियों का नया ठिकाना बनकर उभरा है, खासकर उनका जो पश्चिम एशिया की उड़ान पकड़ रहे हैं. आप्रवासी मामलों के मंत्रालय के मुताबिक बिहार से बाहर जाने वालों की संख्या 2006 में 36,493 थी जो 2011 में 71,438 पर पहुंच गई. बिहार सरकार के पास जिलावार प्रवासियों की सूची नहीं है, लेकिन ट्रैवेल एजेंटों की मानें तो अकेले सिवान और गोपालगंज की हिस्सेदारी इसमें 70 फीसदी है.

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