आरटीइ के तहत चयनित बच्चों का एडमिशन लेने में निजी स्कूल कर रहे आनाकानी

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीइ) के तहत निजी स्कूलों में नामांकन के लिए फर्स्ट रेंडमाइजेशन के जरिये चयनित बच्चों के अभिभावकों को निजी स्कूलों में एडमिशन कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

By AJAY KUMAR | March 12, 2025 6:12 PM

संवाददाता, पटना

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीइ) के तहत निजी स्कूलों में नामांकन के लिए फर्स्ट रेंडमाइजेशन के जरिये चयनित बच्चों के अभिभावकों को निजी स्कूलों में एडमिशन कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. जिले से आरटीइ के तहत 1139 बच्चों का चयन किया गया था. इनमें से 622 बच्चों का एडमिशन अलग-अलग अलॉट किये गये स्कूलों में हो गया है. लेकिन अब भी 517 बच्चों का एडमिशन अलॉट किये गये स्कूलों में नहीं हुआ है. दरअसल आरटीइ के तहत एडमिशन के लिए पोर्टल में सेलेक्ट किये गये कई निजी स्कूल वैसे भी हैं, जो माइनॉरिटी के श्रेणी में आते हैं उन्हें भी सेलेक्ट कर लिया गया. जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार आरटीइ के तहत एडमिशन के लिए एक बच्चे को रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया के अनुसार तीन से चार स्कूलों का ऑप्शन दिया गया है. लेकिन जो अभिभावक फर्स्ट च्वाइस को छोड़ दूसरे या तीसरे ऑप्शन वाले स्कूल में एडमिशन कराना चाह रहे हैं, उन्हें परेशानी हो रही है. इसके अलावा कई अभिभावक ऐसे भी हैं, जो फर्स्ट ऑप्शन वाले स्कूल में भी एडमिशन के लिए जा रहे हैं, तो उन्हें स्कूल प्रबंधक की ओर से अहमियत नहीं दी जा रही है और कोई न कोई बहाना बनाकर उन्हें लौटा दिया जा रहा है.

आरटीइ के तहत नामांकन तिथि 17 मार्च तक बढ़ी

निजी स्कूलों में आरटीइ के तहत होने वाले नामांकन की तिथि 17 मार्च तक बढ़ा दी गयी है. इस योजना के तहत निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटों पर अलाभकारी और कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन लिया जाता है. जिला शिक्षा कार्यालय ने कहा है कि पहले नामांकन की अंतिम तिथि आठ मार्च तक थी, जिसे बढ़ाकर 17 मार्च तक कर दिया गया है. सेंकेंड रेंडमाइजेशन के जरिये नामांकन से वंचित रह गये बच्चों को स्कूल आवंटित किया जायेगा. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि चयनित बच्चों का एडमिशन एलॉट किये गये स्कूल प्रबंधकों को लेना होगा. अगर कोई स्कूल नामांकन लेने से आनाकानी करते हैं तो उन पर कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिले के 215 निजी स्कूल द्वारा आरटीइ की राशि का ब्योरा दिया गया है. इसकी जांच के लिए 51 टीमों का गठन किया गया है. टीम द्वारा जांच के बाद रिपोर्ट विभाग को सौंपी जायेगी. उन्होंने बताया कि निर्धारित तिथि के अंदर निजी स्कूलों को बच्चों का नामांकन लेना होगा.

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