Road Accident In Bihar: बिहार में शाम के 6 से रात के 9 बजे तक होती है ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं, रिपोर्ट में और भी बड़े खुलासे
Road Accident In Bihar: बिहार रोड एक्सीडेंट के मामले में दूसरे पायदान पर है. जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह के 9 बजे से दोपहर के 12 बजे और शाम के 6 बजे से रात के 9 बजे के बीच ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है.
Road Accident In Bihar: बिहार में सड़क हादसों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसके मुताबिक बिहार रोड एक्सीडेंट के मामले में दूसरे पायदान पर है. इन सड़क हादसों में 18 से 45 साल के करीब 60 प्रतिशत युवा शामिल हैं. इसके साथ ही सुबह के 9 बजे से दोपहर के 12 बजे और शाम के 6 बजे से रात के 9 बजे के बीच ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है.
पुलिस-परिवहन की रिपोर्ट जारी
दरअसल, पुलिस-परिवहन की रिपोर्ट जारी होने के बाद कई बड़े खुलासे हुए. सड़क हादसों के मामले में पहले नंबर पर मिजोरम है. मिजोरम में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं जबकि बिहार इस मामले में दूसरे पायदान पर है. इसके साथ ही सबसे ज्यादा हादसे यानी कि 40 प्रतिशत एनएच पर हो रहे हैं.
इस वजह से ज्यादा सड़क हादसे
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सुबह के 9 बजे से दोपहर के 12 बजे और शाम के 6 बजे से रात के 9 बजे के बीच रोजी-रोजगार के चक्कर में घर से निकलने और घर वापस लौटने वालों के बीच हड़बड़ी रहती है. कई बार वे ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी भी करते हैं. जिसके कारण हादसे हो रहे हैं. शाम के तीन से 6 बजे के बीच 16.47 फीसदी हादसे हो रहे हैं, जबकि सुबह 9 से 12 बजे के बीच 15.55 फीसदी हादसे हो रहे हैं.
इस वक्त हो रही ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं
सुबह 6 से 9 बजे के बीच 14.52 प्रतिशत तो दिन के 12 से तीन बजे के बीच 12.90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हो रही है. जबकि रात के तीन बजे से सुबह 6 बजे के बीच 9.95 फीसदी हादसे हो रहे हैं. सबसे कम रात के 12 से 3 बजे के बीच सिर्फ 4 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हो रही.
18 से 25 साल के युवा हो रहे शिकार
इसके अलावा 18 से 25 वर्ष के बीच लगभग 22 फीसदी युवाओं की मौत हो रही है. 25 से 35 वर्ष के बीच करीब 21 प्रतिशत तो वहीं 35 से 45 साल के बीच वाले करीब 17 प्रतिशत लोगों की मौत हो रही. 45 से 50 साल के बीच लगभग 9 फीसदी तो 18 वर्ष से कम उम्र में 7 प्रतिशत लोगों की मौत हो रही. हाई स्पीड की वजह से 68 प्रतिशत लोगों की मौत हो रही.
31 प्रतिशत पैदल चलने वाले हो रहे शिकार
साथ ही 31 प्रतिशत पैदल चलने वाले गाड़ियों की चपेट में आ रहे, 27 प्रतिशत दोपहिया, 5 प्रतिशत साइकिल चलाने वाले, ऑटो में यात्रा के दौरान 5 प्रतिशत हादसे, कार सवार 5 प्रतिशत, दो प्रतिशत ट्रक सवार तो वहीं एक प्रतिशत बस सवार सड़क हादसे का शिकार हो रहे.
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