हर जिले में खुलेगा अक्षय ऊर्जा केंद्र, सस्ती मिलेगी ग्रीन एनर्जी
बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (ब्रेडा) ने राज्य के हर जिले में ‘ बिहार अक्षय ऊर्जा केंद्र’ खोलने का फैसला लिया है,
संवाददाता, पटना बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (ब्रेडा) ने राज्य के हर जिले में ‘ बिहार अक्षय ऊर्जा केंद्र’ खोलने का फैसला लिया है, जिससे लोगों को सौर ऊर्जा समेत अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की जानकारी, सस्ती तकनीक और सरकारी सब्सिडी का सीधा लाभ मिलेगा. इन केंद्रों पर नीति, कार्यक्रम और सब्सिडी संबंधी जानकारी के साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए प्रशिक्षण, कौशल विकास और क्षमता निर्माण के कार्यक्रम भी होंगे. ब्रेडा ने तय किया है कि प्रत्येक जिले में कम से कम दो पंजीकृत विकासकर्ता या ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (ओइएम ) को जोड़ा जायेगा, जो उपकरण की आपूर्ति और बाद की सर्विस उपलब्ध करायेंगे. इन केंद्रों में सोलर पैनल, बायोगैस संयंत्र, सोलर पंप, ऊर्जा बचत उपकरण जैसे उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री होगी. साथ ही मेले और प्रदर्शनियों के जरिये ग्रामीण व शहरी उपभोक्ताओं को ग्रीन एनर्जी अपनाने के लिए प्रेरित किया जायेगा. ‘बिहार अक्षय ऊर्जा केंद्र’ से ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं को घर के पास ही सोलर, बायो और अन्य अक्षय ऊर्जा तकनीक उपलब्ध होगी, जिससे महंगी बिजली पर निर्भरता घटेगी और बिजली बिल में बचत होगी. किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप और कोल्ड स्टोरेज के लिए अक्षय ऊर्जा समाधान मिलेंगे, जिससे डीजल खर्च बचेगा और फसल का नुकसान कम होगा. छोटे व्यापारी और घरेलू उपभोक्ता सस्ती सोलर लाइटिंग और पावर बैकअप का लाभ उठा सकेंगे. साथ ही युवाओं को अक्षय ऊर्जा तकनीक में प्रशिक्षण व रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे जिले में नई रोजगार संभावनाएं पैदा होंगी. ब्रेडा ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए ‘सिंगल विंडो पोर्टल’ की व्यवस्था की है. आवेदन शुल्क संयंत्र क्षमता के अनुसार तय किया गया है. यह शुल्क केवल वाणिज्यिक परियोजनाओं पर लागू होगा. परियोजना शुरू होने के बाद ब्रेडा से पंजीकरण प्रमाण-पत्र दिया जायेगा. 10 किलोवाट से छोटे संयंत्र के लिए हजार, 10 से 100 किलोवाट तक के लिए दो हजार तथा सौ से पांच सौ किलोवाट तक के संयंत्र के लिए पांच हजार रुपये शुल्क देना होगा. पांच सौ किलोवाट से एक मेगावाट तक 10 हजार और एक मेगावाट से अधिक क्षमता वाली वाणिज्यिक परियोजनाओं के लिए 50 हजार रुपये प्रति मेगावाट देना होगा, लेकिन अधिकतम फीस पांच लाख रुपये है.
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