Railway Station In Bihar: बिहार के ये 4 रेलवे स्टेशन दिखेंगे नये लुक में, इस रूट पर बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड, 900 करोड़ होंगे खर्च

Railway Station In Bihar: बिहार का पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा और बक्सर स्टेशन जल्द ही नये लुक में दिखने वाला है. इन रेलवे स्टेशनों पर लगभग 900 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है. जिसके बाद पटना से डीडीयू रूट पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ने वाली है.

By Preeti Dayal | December 1, 2025 8:10 AM

Railway Station In Bihar: बिहार के 4 रेलवे स्टेशनों को लेकर बड़ी योजना तैयार की गई है. पटना से डीडीयू रूट पर अब ट्रेनों की रफ्तार में और तेजी आने वाली है. दरअसल, पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा और बक्सर रेलवे स्टेशन जल्द ही नये लुक में दिखने वाला है. रेलवे इसके लिये नई दिशा में काम कर रहा है. दानापुर, समेत चारों स्टेशनों के प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाया जायेगा.

900 करोड़ रुपये खर्च की स्वीकृति

जानकारी के मुताबिक, रेलवे की ओर से पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा और बक्सर स्टेशन पर करीब 900 करोड़ की योजना पर स्वीकृति दी गई है. अब संबंधित चारों स्टेशनों के ट्रैक पर गंदगी नहीं दिखेगी. इन स्टेशनों को गिट्टी रहित किया जायेगा. रेलवे से जुड़े अधिकारियों की माने तो, डीडीयू से पटना होकर बख्तियारपुर तक के 255 किलोमीटर लंबे व्यस्त रेलखंड पर ट्रेनों के समय पालन क्षमता सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है.

ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली होगी स्थापित

दरअसल, इस रेलखंड पर अब ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली स्थापित की जायेगी. खासकर आरा जंक्शन के लिए 292 करोड़ रुपये की लागत वाला टेंडर भी जारी कर दिया गया है. आने वाले सालों में यह काम पूरा कर लिया जायेगा. यह प्रणाली अप और डाउन दोनों मुख्य लाइनों पर लागू होगी.

क्या है एब्सोल्यूट ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली?

जानकारी के मुताबिक, रेलवे स्टेशनों पर पहले दो और तीन नंबर प्लेटफॉर्म को कंक्रीट ढलाई के साथ बनाने की प्रक्रिया अपना ली गयी है. फिलहाल, रेलखंड पर एब्सोल्यूट ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली लागू है. इस सिस्टम के तहत एक ट्रेन को तभी आगे बढ़ने की अनुमति मिलती है, जब दूसरी ट्रेन अगले स्टेशन को पूरी तरह पार कर जाती है. यही वजह है कि अक्सर ट्रेनों को बीच-बीच में रुकना पड़ता है और देरी होती है.

ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग से क्या होगा फायदा?

अब ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग लगने के बाद हर 500 मीटर से 1 किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगाए जायेंगे. इसका फायदा यह होगा कि जैसे ही कोई ट्रेन स्टेशन यार्ड को पार करेगी, उसी ब्लॉक सेक्शन में दूसरी ट्रेन को भी चलाया जा सकेगा. खासकर पैसेंजर ट्रेनों को अब घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा और एक्सप्रेस गाड़ियां भी समय पर अपने स्टेशन तक पहुंच सकेंगी.

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