कोटा में फंसे छात्रों को बुलाने को लेकर सूबे में सियासत शुरू, RJD को नहीं मिला कांग्रेस का साथ, जेडीयू और बीजेपी ने कहा…

कोरोना संक्रमण के बढ़ते संकट के बीच दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों और छात्रों को वापस लाने पर बिहार में सियासत तेज हो गयी है. आरजेडी चाहती है कि राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर वापस बिहार लाया जाये. वहीं, बीजेपी ने दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों से अपील की है कि वहीं रुके रहें. सरकार हरसंभव मदद कर रही है. जेडीयू नेता ने छात्रों को वापस लाने को लॉकडाउन का उल्लंघन करार दिया है. वहीं, कांग्रेस ने भी यूपी के योगी सरकार के कदम को लॉकडाउन का उल्लंघन माना है और प्रधानमंत्री से दखल देने की मांग की है.

By Kaushal Kishor | April 18, 2020 1:52 PM

पटना : कोरोना संक्रमण के बढ़ते संकट के बीच दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों और छात्रों को वापस लाने पर बिहार में सियासत तेज हो गयी है. आरजेडी चाहती है कि राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर वापस बिहार लाया जाये. वहीं, बीजेपी ने दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों से अपील की है कि वहीं रुके रहें. सरकार हरसंभव मदद कर रही है. जेडीयू नेता ने छात्रों को वापस लाने को लॉकडाउन का उल्लंघन करार दिया है. वहीं, कांग्रेस ने भी यूपी के योगी सरकार के कदम को लॉकडाउन का उल्लंघन माना है और प्रधानमंत्री से दखल देने की मांग की है.

जानकारी के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के बिहार में बढ़ते संकट के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा बस भेज कर सूबे के छात्रों को कोटा से बुलाये जाने को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गयी है. दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों और छात्रों को वापस लाने को लेकर नेता दो पक्षों में बंट गये हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए ट्वीट किया है. साथ ही दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के मजदूरों और छात्रों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए फेसबुक पर खुला पत्र लिखा है. वहीं, आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि दूसरे राज्यों में फंसे लोगों और छात्रों को बिहार लाकर स्क्रीनिंग कराना चाहिए. 14 दिनों के लिए क्वारेंटिन कर देना चाहिए. उसके बाद उन्हें उनके घरों को भेज देना चाहिए.

वहीं, महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने दूसरे राज्यों से लोगों और छात्रों को वापस लाने को लॉकडाउन का उल्लंघन माना है. कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को उत्तर प्रदेश में लाना लॉकडाउन का उल्लंघन है. उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा छात्रों को लाने के लिए 250-300 बसों को भेजना कांग्रेस की नजर में कहीं-ना-कहीं लॉकडाउन का उल्लंघन है. फैसले पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा है कि यह लॉकडाउन के प्रावधानों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन करने का मामला है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है. साथ ही कहा कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को समझाना होगा कि वह ऐसा कार्य ना करें, जिससे लॉकडाउन हास्य का विषय बन जाये.

इधर, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा राजस्थान के कोटा से सूबे के छात्रों को बस भेजकर बुलाने पर कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्टेटमैन की तरह काम करते हैं. उन्होंने कहा है कि राजनेताओं को कई बार ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं, जो मानवता के हित में हो. पीएम मोदी ने लॉकडाउन के संबंध में जो बातें कही हैं कि जो जहां हैं, वहीं रहें. बिहार सरकार मानवता के हित में बाहर रहनेवाले बिहारवासियों के उसी राज्य में व्यवस्था कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों को भी मदद करनी चाहिए. मालूम हो कि बीजेपी नेता सुशील मोदी ने भी दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों से अपील कर चुके हैं कि वे जहां है, वहीं धैर्य के साथ रुके रहें. दूसरे राज्यों की स्थानीय सरकारों से समन्वय स्थापित कर बिहार सरकार हरसंभव मदद करने में जुटी है. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों को आर्थिक मदद देनेवाला बिहार देश का पहला राज्य है.

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