Pink Bus In Bihar: बिहार में महिला ड्राइवर ने संभाली पिंक बस की स्टीयरिंग, जल्द ही सड़कों पर भरेंगी फर्राटा
Pink Bus In Bihar: बिहार में पिंक बसों को चलाने की ट्रेनिंग महिलाओं को दी जा रही है. ऐसे में औरंगाबाद जिले में महिला बस चालक स्टीयरिंग संभालती हुई नजर आई. जल्द ही वे सड़कों पर भी फर्राटे भरेंगी. दरअसल, बिहार में टोटल 225 महिला चालकों की जरूरत है.
Pink Bus In Bihar: बिहार में महिलाओं के लिये पिंक बसों को चलाने का फैसला बिहार सरकार ने लिया था. ऐसे में बसों की स्टीयरिंग महिलाएं संभालेंगी और कंडक्टर भी महिलाएं ही होंगी. बसों को चलाने की ट्रेनिंग महिलाओं को देनी शुरू कर दी गई है. ऐसे में बिहार में पिंक बस चलाने के लिए औरंगाबाद के आईडीटीआर में ट्रेनिंग लेने वाली महिलाएं जल्द बिहार की सड़कों पर फर्राटा भरेंगी.
औरंगाबाद में 21 महिला चालक ले रही ट्रेनिंग
बिहार में महिला चालक अब पिंक बस चला कर महिलाओं को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाएंगी. वैसे औरंगाबाद के आईडीटीआर में 21 महिलाएं पिंक बस चलाने के लिए ट्रेनिंग ले रही हैं. मालूम हो कि राज्य में कुल 225 महिला चालकों की आवश्यकता है, जिसके लिए सरकार जरूरी कदम उठा रही है. बिहार सरकार के परिवहन एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में महिला सशक्तिकरण का महिलाएं उदाहरण प्रस्तुत करेंगी.
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मैसेज
दरअसल, वर्तमान में बिहार के 6 जिलों में पिंक बस सेवाएं संचालित हो रही है और आने वाले समय में इन बसों में चालक और कंडक्टर दोनों महिलाएं होंगी. वैसे ट्रेनिंग ले रही एक महिला चालक ने बस चला कर अपने विचार व्यक्त कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का संदेश दिया. इस तरह से अब बिहार में महिला चालक तैयार हो रही हैं. जल्द ही वे सड़क पर पिंक बस चलाती हुई दिखेंगी.
जल्द सभी जिलों में शुरू हो सकेगी व्यवस्था
पिंक बस सेवा की शुरुआत पहले चरण में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया जैसे प्रमुख शहरों में की गई थी. वर्तमान में 20 से अधिक पिंक बसें इन जिलों में चल रही हैं. यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया और बढ़ती मांग को देखते हुए अब दूसरे चरण में 110 से अधिक बसों को राज्य के अन्य जिलों में चलाने की योजना बनाई गई है. परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि धीरे-धीरे सभी जिलों में यह सेवा उपलब्ध कराई जाए.
(औरंगाबाद से सुजीत कुमार सिंह की रिपोर्ट)
