पंजर भोकवा नृत्य से अचंभित हुए लोग
patna news: पटना सिटी.पंजरा से पहले देवी स्थान हरनाहा टोला में दामोदर केवट ने पूजा अर्चना की. शरीर में नुकीले तीर चुभाने वालों में वृद्ध व युवा शामिल थे.
पटना सिटी. जीभ, पसली, मुंह में लोहे के नुकीले तीर चुभा कर मेले के दौरान नृत्य करते लोगों ने देव नारायण ठाकुर के नेतृत्व में पंजरा लिये गोपाल पासवान, मनोज चौधरी, टिमल चौधरी, सनोज पासवान, दरवारी गोप, दामोदर प्रसाद, तांत्रिक जगदीश सिंह, देवी पासवान, भोला राम, सरोज पासवान, मुकेश पासवान, टीपू यादव समेत अन्य ने शरीर में नुकीले तीर चुभा कर पंजरा ले नृत्य करते देख लोगों के होश उड़ गये.
भय ऐसा कि करीब जाने से भी डरते हैं. लेकिन मेले की मौज मस्ती में पंजरा लिये लोगों को देख रहे तमाशबीन की सांसें थम जाती. कुछ इसी तरह के दृश्य बुधवार की तड़के रानीपुर के वभनगामा गांव में चल रहे पंजर भोकवा मेले में दिखा. पंजरा से पहले देवी स्थान हरनाहा टोला में दामोदर केवट ने पूजा अर्चना की. शरीर में नुकीले तीर चुभाने वालों में वृद्ध व युवा शामिल थे.
शरीर के नाजुक अंगों पर नुकीले तीर चुभो कर नृत्य करते लोगों की टोलियों ने बताया कि पंजरा लेने का काम ढाई दशक से भी अधिक समय से कर रहे हैं. इन लोगों के अनुसार मंदिर के समीप पूजा के बाद शरीर में लोहे की बरछियों को चुभोते हैं. उन्हें दर्द का एहसास नहीं होता, दुआ ही उनकी दवा है.इस दौरान पंजर भोकवा सम्मान समारोह में पंजर भोकवा सम्मान समारोह अध्यक्ष प्रमोद कुमार, उपाध्यक्ष सोनू कुमार, अरुण कुमार, रंजीत ठाकुर, सचिव आदित्य कुमार, महामंत्री प्रेम कुमार चौधरी, पुनीत कुमार एवं कामेश्वर यादव समेत अन्य ने पंजरा लिये लोगों को सम्मानित किया. सती सावित्री सत्यवान मेला आयोजन समिति से जुड़े पूर्व पार्षद अवधेश कुमार सिन्हा, रजनीश राय, देवनारायण ठाकुर, पुजारी दामोदर केवट, हरिनारायण यादव, रामाधीन राय, मुन्ना यादव, दरबारी गोप, राजू पंडित, देवानंद यादव अमलेश पप्पू सक्रिय थे. इन लोगों ने मेले को अबतक राजकीय दर्जा नहीं मिलने पर नाराजगी जतायी.
मंदिर में तंत्र मंत्र की साधना भी
लालिमा बिखेरते सूर्य की किरणों के फूटने से पहले ही ब्रह्म मुहूर्त में आरंभ हुए नृत्य का सिलसिला सूर्योदय तक चला. सती सावित्री सत्यवान की स्मृति में रानीपुर के वभनगामा गांव में लगने वाले पंजर भोकवा मेले में मंगलवार की मध्य रात को ही धवलपुरा सती चौड़ा, यमुनापुर, गुड़ की मंडी से अलग-अलग खप्पड़ लेकर लोग रानीपुर के वभनगामा स्थित सावित्री व सत्यवान की अति प्राचीन मंदिर पहुंचे. जहां खप्पर लेकर पहुंचे ओझा व तांत्रिकों द्वारा तंत्र मंत्र की साधना के साथ नृत्य की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
