Patna News: जाम से जंग का ब्लूप्रिंट तैयार! बिहार में बनेगी पहली ट्रैफिक ट्रेनिंग अकादमी, 5.26 करोड़ से बदलेगा सिस्टम

Patna News: जाम में फंसी एंबुलेंस, वीआईपी मूवमेंट में थमा शहर और त्योहारों पर बेकाबू ट्रैफिक. बिहार सरकार अब ट्रैफिक पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए राज्य की पहली 'ट्रैफिक ट्रेनिंग अकादमी' खोलने जा रही है. 5.26 करोड़ की लागत से बनने वाली यह अकादमी न केवल जाम का समाधान ढूंढेगी, बल्कि पुलिसकर्मियों को मॉडर्न ट्रैफिक मैनेजमेंट का एक्सपर्ट भी बनाएगी.

By Pratyush Prashant | December 18, 2025 9:04 AM

Patna News: बिहार में ट्रैफिक व्यवस्था को आधुनिक और व्यावहारिक बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल होने जा रही है. फुलवारीशरीफ स्थित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (BMP) 16 परिसर में राज्य की पहली ट्रैफिक ट्रेनिंग अकादमी की स्थापना की जाएगी. करीब 10 एकड़ में बनने वाली इस अकादमी पर 5.26 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अकादमी बनने के बाद BMP 16 को मोकामा स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है और बची जमीन पर पटना ट्रैफिक पुलिस का अत्याधुनिक केंद्र विकसित किया जाएगा.

आधुनिक प्रशिक्षण से बदलेगी ट्रैफिक पुलिस

ट्रैफिक ट्रेनिंग अकादमी की स्थापना के साथ बिहार में पहली बार यातायात पुलिस को पूरी तरह विशेषीकृत और आधुनिक प्रशिक्षण मिलेगा. यहां सिपाही से लेकर अधिकारियों तक के लिए बेसिक, रिफ्रेशर और स्पेशल कोर्स संचालित किए जाएंगे. प्रशिक्षण की अवधि एक सप्ताह से लेकर छह महीने तक होगी. ट्रैफिक कंट्रोल के व्यावहारिक पहलुओं पर फोकस रहेगा, ताकि मैदान में तैनात कर्मी जाम की स्थिति को बेहतर तरीके से संभाल सकें.

बाहर के एक्सपर्ट भी देंगे ट्रेनिंग

अकादमी में प्रशिक्षण देने के लिए बिहार के अनुभवी ट्रैफिक विशेषज्ञों के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों से भी फैकल्टी को बुलाया जाएगा. वीआईपी कारकेड, पर्व-त्योहार, मेले, रैली और बड़े आयोजनों के दौरान ट्रैफिक को इस तरह नियंत्रित करने की ट्रेनिंग दी जाएगी कि शहर की रफ्तार न थमे. इसके साथ ही सड़क दुर्घटना के बाद घायल को तुरंत और सुरक्षित तरीके से अस्पताल पहुंचाने की प्रक्रिया भी सिखाई जाएगी.

प्रमुख शहरों के ट्रैफिक रूट पर होगा विशेष फोकस

इस अकादमी की सबसे खास बात यह होगी कि यहां पूरे बिहार के प्रमुख शहरों और मार्गों का ट्रैफिक मॉड्यूल तैयार किया जाएगा. राजधानी पटना के व्यस्त रूट पटना जंक्शन से दानापुर तक. कहां गोलंबर हैं, कहां मोड़ हैं और किस समय ट्रैफिक का दबाव सबसे ज्यादा रहता है, इन सबका व्यावहारिक अध्ययन कराया जाएगा. यही मॉडल बिहार के अन्य बड़े शहरों पर भी लागू होगा, जिससे स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार ट्रैफिक कंट्रोल की रणनीति तैयार की जा सके.

133 पद सृजित, हर साल करोड़ों का संचालन खर्च

अकादमी के संचालन के लिए कुल 133 पद सृजित किए जाएंगे. अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन सहित अन्य मदों पर सालाना करीब 8.41 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. सरकार का मानना है कि यह निवेश लंबे समय में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में अहम भूमिका निभाएगा.

पटना को मिलेगा ट्रैफिक हब

गृह मंत्री सम्राट चौधरी के अनुसार, BMP 16 को मोकामा स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है. अकादमी बनने के बाद फुलवारीशरीफ परिसर में बची जमीन पर पटना ट्रैफिक पुलिस का केंद्रीय कार्यालय और प्रशिक्षण केंद्र विकसित किया जाएगा. इससे राजधानी में ट्रैफिक प्रबंधन को एक मजबूत आधार मिलेगा.

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