Patna News: दाखिल-खारिज की गाइडलाइन में फिर हुआ बदलाव, सीओ को मिला अब ये अधिकार
Patna News: दाखिल-खारिज संबंधी आदेश में लिपिकीय और गणित की भूल का सुधारअंचल अधिकारी करेंगे. इसके लिए विभाग ने पत्र जारी किया है.
Patna News: दाखिल-खारिज संबंधी आदेश पारित करने के दौरान की गई लिपिकीय या गणित संबंधी भूल या किसी आकस्मिक भूल से हुई गलतियों का सुधार अंचल अधिकारी करेंगे. यह सुधार अंचल अधिकारी अपनी प्रेरणा से या किसी पक्षकार के आवेदन पर कर सकेंगे. सुधार करने के बाद अंचल अधिकारी इस शुद्धि से सभी पक्षों को सूचित करेंगे. यह निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखकर दिया है. इसमें कहा गया है कि ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त दाखिल-खारिज याचिकाओं के निष्पादन के बाद रहने वाली लिपिकीय या गणित संबंधी त्रुटियों को अंचल अधिकारी ठीक कर सकते हैं. पत्र में कहा गया है कि अंचल अधिकारियों को लिपिकीय या टंकण संबंधी भूल के कारण जमीन के खरीदार या बिक्रेता की विवरणी, जमाबंदी या खतियानी रैयत के नाम-पता में हुई त्रुटि या लोप सहित लगान की राशि से संबंधी त्रुटि में संशोधन का अधिकार दिया गया है. इसके लिए अंचल अधिकारी ई-जमाबंदी लॉगिन में जाकर ई-रिसॉल्वर मेनू से अपना आदेश पारित करेंगे.
प्रक्रिया का करना होगा पालन
दाखिल-खारिज वादों के निष्पादन के दौरान पारित आदेश में अगर लिपिकीय या टंकण संबंधी भूल के कारण खाता, खेसरा, रकबा में कोई गलती हो गई हो तो इसे ठीक करने के लिए प्रक्रिया का पालन करना होगा. वहीं मिलजुमला खेसरा होने की वजह से कोई अन्य जमाबंदी प्रभावित हुई हो तो उसमें संशोधन के लिए अलग प्रक्रिया का अनुसरण करना होगा. ऐसे में अंचल अधिकारी पहले लिपिकीय या टंकण संबंधी भूल के आदेश को निरस्त करेंगे. इसके बाद फिर से सही खाता, खेसरा रकबा या अलग-अलग खेसरा के रकबा के दाखिल-खारिज का आदेश पारित करेंगे.
कई बार दस्तावेजों के कारण हो जाती है गलती
कई बार रैयत द्वारा खरीद किए गए जमीन के दस्तावेजों में ही खाता, खेसरा, रकबा गलत दर्ज रहता है. उसी के कारण दाखिल-खारिज संबंधी आदेश गलत पारित हो जाता है. इसके साथ ही त्रुटिपूर्ण जमाबंदी सृजित हो जाती है. ऐसी स्थिति में भूमि सुधार उपसमाहर्ता के समक्ष अपील दायर किया जाएगा जिसे सुनवाई की पहली तारीख को ही अंचल अधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया जाएगा. इससे पहले अंचल अधिकारी सभी पक्षों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का अच्छी तरह से अध्ययन करके संतुष्ट हो लेंगे कि आदेश की मूल भावना में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं हो रहा है और त्रुटि न्यायालय द्वारा ही की गई है.
क्या कहते हैं मंत्री
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि राजस्व अधिकारियों से अनजाने में हुई गलतियों का खामियाजा आम जनता को नहीं भुगतना पड़े इसलिए हमने यह व्यवस्था की है. वर्तमान में किसी भी गणितीय या लिपिकीय भूल में सुधार के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता के समक्ष अपील दायर करना पड़ता है. इसमें लोगों को परेशानी होती है. नई व्यवस्था में गलतियों का सुधार अंचल अधिकारी के कार्यालय से ही हो जाया करेगा जिससे लोगों को काफी सुविधा होगी.
