Patna News: छत पर उगाएं अपनी सब्जी! पटना के शहरी इलाकों में बागवानी के लिए 75% सब्सिडी, शहरी इलाकों में शुरू हुआ आवेदन
Patna News : पटना के घरों की छतें अब सिर्फ कंक्रीट का ढांचा नहीं रहेंगी. सरकार की नई योजना इन्हें छोटे-छोटे हरे-भरे बगीचों में बदलने जा रही है, जहां परिवार जैविक सब्जियां, फल और फूल उगाकर न सिर्फ खुद को स्वस्थ रख सकेंगे बल्कि शहर के वातावरण को भी बेहतर बना सकेंगे.
Patna News: पटना सहित आसपास के शहरी इलाकों में गमले व फार्मिंग बेड योजना के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 2.63 करोड़ रुपये की स्वीकृति के बाद यह योजना पटना सदर, फुलवारीशरीफ, दानापुर, खगौल और बिहटा के निवासियों के लिए शुरू की गई है. उद्देश्य है छतों पर जैविक खेती को बढ़ावा देना, प्रदूषण कम करना है.
छतों पर हरियाली का विस्तार, मिलेगी भारी सब्सिडी
योजना के तहत गमला यूनिट की लागत 10 हजार रुपये है, जिसमें 75 फीसदी यानी 7500 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा. इसी तरह फार्मिंग बेड की 60 हजार की यूनिट पर 45 हजार रुपये की सब्सिडी तय की गई है. इस वर्ष योजना में 10 हजार रुपये की बढ़ोतरी भी की गई है, ताकि ज्यादा लोग लाभ उठा सकें. जिला उद्यान पदाधिकारी तृप्ति गुप्ता के अनुसार छतों पर बागवानी बढ़ाने से ताजी सब्जियों की उपलब्धता के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा.
लॉटरी से चयन, एक लाभुक को अधिकतम पांच यूनिट
जिले के शहरी क्षेत्रों के निवासी गमला योजना के तहत प्रति यूनिट 30 गमले और पौधे प्राप्त कर सकेंगे. एक आवेदक अधिकतम पांच यूनिट तक ले सकता है. जिले को गमला योजना में 2400 यूनिट और फार्मिंग बेड योजना में 180 यूनिट का लक्ष्य मिला है. लाभुकों का चयन लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा, ताकि प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रहे.
फार्मिंग बेड योजना में इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस की सुविधा भी
फार्मिंग बेड योजना के एक यूनिट में तीन पोर्टेबल फार्मिंग बेड, दो ऑर्गेनिक किट, छह फ्रूट बैग और पांच स्पाइनच ग्रोइंग बैग शामिल होंगे. चयनित एजेंसियां इंस्टॉलेशन के अलावा प्रति माह दो बार रखरखाव भी करेंगी. एक लाभुक अधिकतम दो यूनिट ले सकता है, जबकि सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं पांच यूनिट तक ले सकती हैं. सब्सिडी दो किस्तों में दी जाएगी पहली 40,500 रुपये और दूसरी 4,500 रुपये.
शहर की हवा बदलेगी, घरों को मिलेंगी ताजी सब्जियां
इस योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य छतों पर जैविक खेती को गति देना है. इससे घरों की जरूरत की हरी सब्जियां और फल आसानी से उपलब्ध होंगे. साथ ही शहर के तापमान में कमी, वायु गुणवत्ता में सुधार और हरित क्षेत्र में वृद्धि होगी. पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे प्रयास शहरों को रहने लायक बनाते हैं और लोगों में प्रकृति के प्रति जुड़ाव बढ़ाते हैं.
आवेदन शुरू, शहरी क्षेत्र के सभी निवासी ले सकते हैं लाभ
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इच्छुक निवासी निर्धारित शहरी क्षेत्रों से सीधे आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. सरकार की ओर से उम्मीद है कि इस वर्ष अधिक संख्या में लोग योजना से जुड़े और पटना को ‘ग्रीन रूफटॉप सिटी’ बनाने में योगदान दें.
