Patna Metro Update: सेफ्टी जांच और ट्रायल रन के बाद तय होगा पटना मेट्रो से सफर का भविष्य
Patna Metro Update: सोमवार को मेट्रो का एक और ट्रायल रन और फाइनल सेफ्टी जांच होगी. पटरियों से लेकर सिग्नल तक हर बारीकी को परखा जाएगा. यही रिपोर्ट तय करेगी कि राजधानी कब मेट्रो की रफ्तार से सांस ले पाएगी.
Patna Metro Update: राजधानी पटना का सबसे बड़ा सपना—मेट्रो ट्रेन—अब हकीकत बनने के बेहद करीब है. सोमवार को एक बार फिर से इसकी फाइनल सेफ्टी जांच होगी.
मेट्रो रेल सेफ्टी कमिश्नर जनक कुमार गर्ग की टीम पटना पहुंच रही है और इसी दौरान ट्रायल रन भी किया जाएगा. यह जांच सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि उस विश्वास की कसौटी है जिस पर मेट्रो का भविष्य टिका है.
दूसरी बार होगी बारीकी से पड़ताल
16 सितंबर को हुई पिछली जांच में कई तकनीकी और सुरक्षा संबंधी खामियां सामने आई थीं. कमिश्नर की टीम ने तब स्पष्ट कहा था कि इन बिंदुओं को पूरा किए बिना मेट्रो का परिचालन शुरू नहीं किया जा सकता. अब सोमवार को फिर से जांच होगी, ताकि देखा जा सके कि उन सुझावों और खामियों को दूर किया गया है या नहीं.
टीम आज पूरे रूट, सिग्नलिंग सिस्टम, पटरियों की मजबूती और ट्रायल रन के दौरान ट्रेन की स्पीड से लेकर ब्रेकिंग सिस्टम तक सबकुछ परखने वाली है. इसके बाद ही फाइनल मंजूरी पर फैसला होगा.
पहली दौड़ में कौन से स्टेशन होंगे शामिल
मेट्रो के उद्घाटन के बाद सबसे पहले इसे 4.50 किमी लंबे ट्रैक पर चलाया जाएगा. इस रूट में तीन स्टेशन शामिल होंगे—पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माइल और भूतनाथ. यही होगा पटना मेट्रो का पहला परिचालन चरण.
इसके बाद दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें भूतनाथ से मलाही पकड़ी स्टेशन तक करीब दो किमी के अतिरिक्त ट्रैक पर ट्रेन दौड़ेगी. धीरे-धीरे पूरे रूट को यात्रियों के लिए खोलने की योजना है.
सुरक्षा ही सबसे बड़ी प्राथमिकता
रेलवे और मेट्रो से जुड़े अधिकारी लगातार यह दोहराते रहे हैं कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा. मेट्रो रेल सेफ्टी कमिश्नर की टीम की मंजूरी के बिना ट्रेन को सामान्य परिचालन की इजाजत नहीं दी जाएगी. यही कारण है कि पिछली जांच में मिले सुझावों पर तेजी से काम किया गया.
विशेषज्ञों का मानना है कि मेट्रो जैसी आधुनिक और हाईटेक परियोजना में सुरक्षा को लेकर बार-बार जांच होना सामान्य है. यह यात्रियों के भरोसे और सरकार की गंभीरता दोनों को दिखाता है.
उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती
पटना मेट्रो का इंतजार लोग पिछले एक दशक से कर रहे हैं. राजधानी की बढ़ती आबादी और जाम से जूझते सड़कों पर यातायात के दबाव ने मेट्रो को यहां की सबसे बड़ी जरूरत बना दिया है. अब जबकि यह सपना साकार होने जा रहा है, हर कदम पर उम्मीदों का बोझ और बढ़ जाता है.
सोमवार की जांच इस लिहाज से निर्णायक मानी जा रही है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो पटना जल्द ही उन चुनिंदा भारतीय शहरों की कतार में शामिल हो जाएगा जहां मेट्रो लोगों की जिंदगी आसान बना रही है.
पटरी पर आने का नया सफर
पटना मेट्रो का यह ट्रायल सिर्फ तकनीकी जांच भर नहीं, बल्कि उस ऐतिहासिक सफर की शुरुआत है जो आने वाले समय में राजधानी की पहचान बनने वाला है. सेफ्टी कमिश्नर की टीम की रिपोर्ट के बाद ही यह तय होगा कि कब और किस रूप में मेट्रो यात्रियों के लिए दरवाजे खोलेगी.
पटना की जनता की निगाहें ट्रायल रन और सुरक्षा जांच पर टिकी हैं. अगर सबकुछ उम्मीद के मुताबिक रहा, तो जल्द ही पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से लेकर मलाही पकड़ी तक की दूरी लोग मेट्रो की रफ्तार से तय करते दिखेंगे.
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